यवतमाल. सरकार केवल बिजली बिल माफी का आश्वासन दे रही है. नाराज बिजली ग्राहक संगठन ने मंगलवार को बिजली कंपनी के स्थानीय लोहारा कार्यालय के प्रवेश द्वारा पर ताला लगाकर अपना रोष व्यक्त किया. मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को भेजने के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.
प्रतिमाह 300 युनिट के भीतर बिजली इस्तमाल करनेवाले सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का छह माह के दौरान का बिजली बिल माफ करने के लिए 13 जुलाई 2020 को राज्यव्यापी आंदोलन किया गया था. आंदोलन 22 जिले तथा कई अन्य स्थानों पर ग्रामीण स्तर पर हुआ. इस पर सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई. 20 से 30 प्रतिशत छूट की घोषणा की गई थी. रियायत से इनकार करते हुए, पूरे तीन महीने के बिजली बिल को माफ करने की मांग को लेकर 10 अगस्त को धरना दिया गया. जिसके बाद भी गत ढाई माह में कोई निर्णय नहीं हुआ.
अंत में मंगलवार 27 अक्तूबर को बिजली कंपनी के कार्यालय को ताला जडकर प्रदर्शन किया, छह महीने की अवधि का बिजली बिल माफ करने की मांग जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में की है. इस समय महाराष्ट्र बिजली ग्राहक संगठन के विदर्भ अध्यक्ष प्रशांत दर्यापुरकर, उपाध्यक्ष राजू जेकब, दत्ता कुलकर्णी, अमोल देशमुख, सुहास सावरकर, अविनाश धनेवार, मोहन रिनाईत, राधेश्याम निमोदिया, राज राणा आदी उपस्थित थे. देश के केरल, मध्यप्रदेश, गुजरात राज्य की सरकार ने घरेलू बिजली के बिलों में 50 फीसदी राहत दी है.
महाराष्ट्र सरकार ने हालांकि अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. महाराष्ट्र का लगभग हर बिजली उपभोक्ता मुश्किल में है. इसमें गरीब और आमजन अधिक दिक्कतों में है. लाकडाउन ने निर्वाह का प्रश्न उपस्थित होने के बाद भी बिलों का भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है. प्रति माह 300 यूनिट तक का बिजली का उपभोग करनेवाले सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को पिछले छह महीनों के भुगतान माफ करने की मांग की गई है.