यवतमाल. खेत में जाने के रास्ते को लेकर पड़ोसियों के उत्पीड़न से तंग आकर 28 वर्षीय युवक ने खेत में ही फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. यह घटना 20 मई की दोपहर में उमरखेड़ तहसील के मार्लेगांव के खेत में घटी. मृतक ज्ञानेश्वर भगवानराव कदम (28) मालेगांव ने खुदकुशी करने से पहले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी के नाम लिखी चिट्ठी से आत्महत्या का कारण स्पष्ट हुआ है. इस मामले में पुलिस जांच कर रही है.
दादा ने ली थी जमीन
मृत्यु पूर्व लिखी चिट्ठी के अनुसार 1952 में मृतक ज्ञानेश्वर के दादा ने 2 हेक्टेयर मार्लेगांव क्षेत्र में खेत खरीदा था. उस समय इस खेत में आने-जाने के लिए रास्ता था, कुछ काल पश्चात पड़ौसी किसानों ने इस रास्ते से आने-जाने के लिए मनाई की. साथ ही मृतक के घर की महिलाओं को गालीगलौज भी करते थे. पड़ोसियों ने मेरे पिता पर धारदार हथियार से हमला करने की कोशिश की. आदि बातों का उल्लेख मृत्यु पूर्व लिखी चिट्ठी में है. उसने चिट्ठी में परिवार वालों से माफी मांगकर बेटी की पढ़ाई का खर्च सरकार द्वारा उठाने की अपेक्षा व्यक्त की है.
किया शव लेने से इन्कार
इस बीच मृतक के भाई और रिश्तेदारों ने शव परीक्षण के बाद मृतक के शव को लेने से इन्कार कर दिया. उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की. अंत में अचानक मृतक के घरवालों ने शव कब्जे में लेकर 4 बजे अंतिम संस्कार किया. मृतक के परिजनों ने इस मामले में पुलिस थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है.