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Published: Jun 02, 2023 06:27 PM IST

Adani Canceled Contract गौतम अडानी की कंपनी ने रद्द किया 3 हजार करोड़ का ठेका, इन वजहों से वापस लेना पड़ा कॉन्ट्रैक्ट

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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मुंबई: पिछले कुछ महीनों में अडानी समूह के कारोबार करने के तरीके में बड़ा बदलाव देखा गया है। इस बीच, अडानी समूह की कंपनियों द्वारा कई प्रस्तावित कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया गया है। अब इसमें एक और समझौता जुड़ गया है। अब अडानी समूह ने मैक्वेरी के साथ प्रस्तावित सौदे को रद्द करने का फैसला किया है।

3100 करोड़ का ठेका

अदानी रोड्स ट्रांसपोर्ट लिमिटेड अदानी समूह की एक कंपनी है। ने इस नए विकास के बारे में शेयर बाजारों को सूचित किया है। अडानी रोड्स ट्रांसपोर्ट लिमिटेड को ऑस्ट्रेलियाई इन्वेस्टर मैक्वेरी से चार सड़क संपत्तियां खरीदनी थीं। यह सौदा 3,110 करोड़ रुपए का था। हालांकि, यह डील अब नहीं होगी। अडानी समूह की कंपनी ने प्रस्तावित डील से हटने का फैसला किया है।

डील पर साइन किया गया था पिछले साल 

अडानी रोड्स ट्रांसपोर्ट लिमिटेड ने 4 अगस्त, 2022 को स्वर्ण टोलवे प्राइवेट लिमिटेड में 100% हिस्सेदारी और गुजरात रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड में 56.8% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इन दोनों कंपनियों के पास गुजरात और आंध्र प्रदेश में 2 टोल रोड प्रोजेक्ट हैं।

अडानी कंपनी ने बताई वजह

अदानी रोड्स ट्रांसपोर्ट लिमिटेड ने शेयर बाजार को सूचित किया है कि विक्रेता यानी मैक्वेरी ने शेयर खरीद समझौते के अनुसार निर्धारित समय के भीतर अनुबंध पूरा करने की शर्तों को संतोषजनक ढंग से पूरा नहीं किया है, इसलिए अदानी समूह ने शेयर खरीद समझौते को समाप्त करने का फैसला किया है। इसके बाद कंपनियों को नोटिस के जरिए इसकी जानकारी दी गई है।

पहले भी निलम्बित किया था ठेका 

जनवरी 2023 के बाद यह पहला कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, जिससे अडाणी समूह ने हटने का फैसला किया है। इससे पहले फरवरी में अडानी समूह की एक अन्य कंपनी अदानी पावर ने डीबी पावर से थर्मल पावर परिसंपत्तियां खरीदने के अपने समझौते को समाप्त कर दिया था। इससे 7,017 करोड़ रुपए का ठेका अधूरा रह गया। साथ ही समूह ने प्रस्तावित 34,900 करोड़ रुपये की मुंद्रा पेट्रोकेमिकल परियोजना पर भी रोक लगा दी है। दरअसल, 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अदानी ग्रुप ने अपनी कारोबारी रणनीति में बदलाव किया है। अब समूह का ध्यान नए क्षेत्रों में व्यापार का विस्तार करने के बजाय लोन कम करने और इन्वेस्टर्स का विश्वास जीतने पर है।