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Published: Jan 23, 2023 08:06 PM IST

Interviewमल्टीकैप निवेश की सदाबहार थीम: तेजस गुटका

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

मुंबई: प्रतिष्ठित उद्योग समूह टाटा ग्रुप (Tata Group) का साझा कोष टाटा म्यूचुअल फंड (Tata Mutual Fund) देश के पुराने फंड हाउसेज में अग्रणी स्थान रखता है, जो अपनी विभिन्न निवेश योजनाओं के माध्यम से बेहतर प्रतिफल (Return) प्रदान करते हुए विगत 3 दशकों में लाखों निवेशकों की वेल्थ (Wealth) बना चुका है। इसी कारण आज इस पर 28 लाख से अधिक निवेशकों का भरोसा है। अब टाटा म्यूचुअल फंड ने नई ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम टाटा मल्टीकैप फंड (Tata Multicap Fund) लॉन्च की है, जो आरंभिक निवेश के लिए 30 जनवरी 2023 तक खुली रहेगी। नए मल्टीकैप फंड, इक्विटी बाजार और अर्थव्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर टाटा म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर तेजस गुटका (Tajas Gutka) की नवभारत के वाणिज्य संपादक विष्णु भारद्वाज से विस्तृत चर्चा हुई। 15 वर्षों का अनुभव रखने वाले तेजस गुटका देश के एक सफल फंड मैनेजर माने जाते हैं। पेश हैं चर्चा के मुख्य अंशः-

मल्टीकैप बहुत अच्छी निवेश थीम (Investment Theme) है। इस फंड में हम लार्ज, मिड और स्माल कैप, तीनों तरह के क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश कर एक बैलेंस्ड और डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाएंगे। बाजार नियामक सेबी (SEBI) के नियमों के मुताबिक, एक सेगमेंट में न्यूनतम 25% और अधिकतम 50% निवेश करना होता है। इस तरह मल्टीकैप के तीनों सेगमेंट में कुल 75% निवेश हो जाता है। शेष 25% बाजार अवसरों को देख कर निवेश किया जाता है। मल्टीकैप कैटेगरी की सबसे अच्छी बात यह है कि तीनों सेगमेंट में निवेश होने से रिस्क एडजस्टेड पोर्टफोलियो (Risk Adjusted Portfolio) बनता है और सभी मार्केट चक्र (Market Cycles) का लाभ मिलता है क्योंकि बाजार में अलग-अलग समय पर अलग-अलग सेगमेंट चलते हैं। इस तरह मल्टीकैप निवेश की सदाबहार थीम कही जा सकती है।

हम मल्टीकैप फंड में लॉन्ग टर्म नजरिए के हिसाब से जो आदर्श पोर्टफोलियो बनाएंगे, उसका निवेश अनुपात मौटे तौर पर लार्जकैप में 40 से 45%, मिडकैप में 30 से 35% और स्मालकैप में 25 से 30% होगा। और जब निवेश करेंगे तो उस समय के हालात के हिसाब से कम या ज्यादा भी किया जा सकता है। वैसे आज के हालात में हमें लार्जकैप और स्मालकैप ज्यादा अच्छे लग रहे हैं क्योंकि लार्जकैप और मिडकैप की वैल्यूएशन लगभग बराबर है। इसलिए लार्जकैप में निवेश करना ज्यादा सही होगा।

किसी भी इक्विटी फंड में यदि अच्छा फायदा लेना है तो कम से कम 3 साल तक निवेश रखना चाहिए और जितना लॉन्ग टर्म रखा जाए, उतना ज्यादा फायदा होने की संभावना रहती है। इसी तर्ज पर मल्टीकैप फंड में भी 3 से 5 साल की अवधि के लिए निवेश करना ज्यादा सही होगा। 3 साल में तीनों सेगमेंट का और बाजार के हर चक्र का लाभ मिलता है तथा अच्छी वेल्थ बनती है।

जैसा कि आपने कहा, पिछले 2-3 वर्षों में इंडियन मार्केट (Indian Stock Market) बहुत ज्यादा आउटपरफॉर्मर (Outperformer) रहा और बढ़िया रिटर्न दिया, लेकिन इस कारण इंडिया का वैल्यूएशन प्रीमियम बहुत ज्यादा बढ़ गया था। इस स्थिति में मार्केट तेजी से गिरता है। हालांकि अच्छी बात यह है कि इंडियन मार्केट में तेज गिरावट नहीं आई। मार्केट साइडवेज हो गया है। अंडरपरफॉर्म (Underperform) रहने यानी गिरावट आने पर इंडियन मार्केट का रिलेटिव वैल्यूएशन धीरे-धीरे आकर्षक हो जाएगा। तब विदेशी निवेशकों (FII) के लिए इंडिया ज्यादा महंगा नहीं रहेगा। हालांकि ज्यादा गिरावट की आंशका नहीं है क्योंकि इंडिया की ग्रोथ और फंडामेंटल अन्य बड़े देशों के मुकाबले ज्यादा अच्छे हैं तथा सरकार के सार्थक कदमों से अगले 2-3 साल भी अच्छी ग्रोथ के आसार हैं। लेकिन 6 से 8 महीने सिंगल डिजिट रिटर्न की ही अपेक्षा रखना उचित होगा।

नहीं, अब ज्यादा बढ़ने की संभावना नहीं दिख रही है। रिजर्व बैंक एक या दो बार मामूली वृद्धि कर सकता है। उसके बाद ब्याज दरें (Interest Rates) पीक आउट (Peak Out) होने के आसार हैं। तब इक्विटी मार्केट में निवेश फिर बढ़ने लगेगा। अब कमोडिटीज और अन्य रॉ मैटेरियल कीमतें नीचे आ गई हैं। इससे कार्पोरेट इंडिया (Corporate India) का मार्जिन (Profit Margin) भी फिर बढ़ने लगेगा।

शॉर्ट टर्म में हमेशा ऐसा होता है, एफडी रेट्स (FD Rates) बढ़ने पर निवेशक आकर्षित होते हैं। लेकिन एफडी में 5 से 8% का फिक्स रिटर्न ही मिलता है। हालांकि हमारा मानना है कि निवेशक को हमेशा इक्विटी, डेब्ट या एफडी में निवेश कर संतुलित पोर्टफोलियो बनाना चाहिए। लेकिन ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो लॉन्ग टर्म में इक्विटी फंडों (Equity Funds) में 12 से 15% का अच्छा रिटर्न मिला है और अच्छी वेल्थ बनी है। इसलिए वेल्थ बनाने के लिए इक्विटी में निवेश करना सही कहा जाएगा।