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Published: Oct 19, 2022 08:01 PM IST

Ekta Kapoorपटना उच्च न्यायालय ने एकता कपूर और उनकी मां के खिलाफ कार्यवाही पर लगाई रोक

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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पटना : पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) ने बुधवार को बेगूसराय (Begusarai) जिले की एक अदालत द्वारा फिल्म निर्माता एकता कपूर (Ekta Kapoor) और उनकी मां शोभा कपूर (Shobha Kapoor) के खिलाफ की जा रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि अदालत ने कई बार सम्मन भेजे जाने के बावजूद उपस्थित नहीं होने पर एकता और उनकी मां के खिलाफ वारंट जारी किया था। एकता कपूर परिवार की ओर से अदालत के समक्ष पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता वाई वी गिरी के अनुसार न्यायमूर्ति सत्यव्रत वर्मा ने उक्त आदेश पारित किया और मामले की अगली सुनवाई दिसंबर तक के लिए टाल दी।

वाई वी गिरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मानहानि से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत बेगूसराय में मेरे मुवक्किल के खिलाफ याचिका दायर की गई है। लेकिन यह स्वीकार किए जाने योग्य नहीं था क्योंकि मानहानि हमेशा एक व्यक्ति के खिलाफ होती है। जिस शो के खिलाफ याचिकाकर्ता की शिकायत थी, उसने विशेष रूप से किसी को निशाना नहीं बनाया।’ याचिकाकर्ता पूर्व सैनिक शंभू कुमार ने कपूर परिवार के ऑल्ट बालाजी टेलीफिल्म्स द्वारा निर्मित वेब श्रृंखला ‘थ्री एक्स’ के एक एपिसोड में एक सैनिक की पत्नी को शादी-शुदा जिंदगी से इतर संबंध (एक्स्ट्रा मैरीटल अफेयर) में दिखाया गया था और याचिकाकर्ता के अनुसार इसने उन सभी की भावनाओं को आहत किया था जिन्होंने सशस्त्र बलों के लिए काम किया है।

एकता कपूर परिवार की ओर से बेगूसराय अदालत को यही बताया गया कि शो से विवादास्पद हिस्सा हटा दिया गया था। हालांकि, अदालत ने पिछले महीने के अंत में मां-बेटी के खिलाफ पहले की तारीख में जारी सम्मन का जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ वारंट जारी किए जाने का आदेश दिया था। पिछले हफ्ते वेब श्रृंखला निर्माताओं ने संरक्षण की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था और दलील दी थी।

हालांकि, उन्होंने पटना उच्च न्यायालय का रुख किया है लेकिन उन्हें आशंका है कि उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई नहीं होगी। शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए एकता कपूर परिवार को फटकार लगाई गई थी और यह कहते हुए कि सिर्फ इसलिए कि आप पैसे देकर अच्छे वकीलों की सेवाएं ले सकते हैं, चेतावनी दी गयी थी कि इस तरह की याचिकाओं पर लागत (जुर्माना) लगाई जा सकती है। उन्हें आपत्तिजनक सामग्री का निर्माण करके युवाओं के दिमाग को प्रदूषित करने के लिए भी फटकार लगाई गई थी। (एजेंसी)