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Published: Jul 06, 2020 10:03 AM IST

सितारों की बातें भाई-भतीजावाद है, लेकिन इंडस्ट्री में बने रहने के लिए प्रतिभा जरुरी है: विक्रांत मेस्सी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई. ऐसे वक्त में जब बॉलीवुड में ‘बाहर से आने वाले बनाम इंडस्ट्री वाले’ का विमर्श जोरो पर है, अभिनेता विक्रांत मेस्सी का कहना है कि जब कोई फिल्म निर्माता उन्हें ध्यान में रखते हुए भूमिका लिखता है तो बहुत कमाल लगता है। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद इंडस्ट्री के कई लोग खुलकर अपने संघर्ष के बारे में बात कर रहे हैं। नये निर्देशकों जैसे सीमा पहवा और आरती कादव के लिए पसंदीदा कलाकार बन चुके मेस्सी ने 2000 के दशक की शुरुआत में छोटे पर्दे पर अपने करियर की शुरुआत की थी और इतने साल में उन्होंने टीवी, फिल्म और वेब तीनों माध्यमों में काम किए हैं।

टीवी पर मेस्सी को सबसे ज्यादा लोकप्रियता बालिका वधु सीरियल में श्याम की भूमिका से मिली। उन्होंने ‘बाबा ऐसो वर ढूढो’ और ‘कबूल है’ में भी काम किया है। मेस्सी को बॉलीवुड में पहला ब्रेक सात साल पहले विक्रमादित्य मोटवाणे की ‘लुटेरा’ से मिली जिसमें उन्होंने रणवीर सिंह और सोनाक्षी सिन्हा के साथ काम किया। ‘हाफ गर्लफ्रेंड’, ‘दिल धड़कने दो’ और ‘लिप्सटिक अंडर माई बुरका” में काम कर चुके मेस्सी का कहना है कि उन्हें शुरुआत में ही समझ आ गया था कि फिल्मी दुनिया में सब अपनों का साथ देते हैं।

मेस्सी ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में बताया, ‘‘टीवी में काम करते हुए मैंने ये बातें देखीं और लोगों ने मुझे इसके बारे में समझाया। मुझे पता था कि फिल्म इंडस्ट्री में अपने पांव जमाने के लिए मुझे 10-11 साल लगेंगे। मैं ऐसा करने को तैयार भी था, क्योंकि मुझे पता है कि मेरे पास कुछ ऐसा है जो अनोखा है और अब लोग उसे पहचानने लगे हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘आज अजीब स्थिति यह है कि भाई-भतीजावाद है, लेकिन अंत में यहां बने रहने के लिए प्रतिभा का होना जरुरी है।” टीवी से फिल्मों में आने के अपने फैसले को सोचा समझा बताने वाले 33 वर्षीय मेस्सी उस वक्त टीवी का जाना-माना चेहरा बन गए थे। फिल्मों में मेस्सी ने शुरुआत भले ही सहकलाकारों वाली भूमिकाओं के साथ की हो लेकिन उन्होंने जल्दी ही फिल्मों के साथ-साथ वेब सीरिज की दुनिया में भी अपना नाम बना लिया।(एजेंसी)