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Published: Mar 09, 2022 12:24 AM IST

Happy Birthday Zakir Hussainउस्ताद जाकिर हुसैन का आज है 71वां जन्मदिन, जानें उनकी सुनी अनसुनी बातें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Photo- Instagram

मुंबई : उस्ताद जाकिर हुसैन (Ustad Zakir Hussain) का जन्म 9 मार्च 1951को मुंबई (Mumbai) में तबलावादक उस्ताद अल्ला राखा (Alla Rakha) और बावी बेगम (Bawi Begum) के घर में हुआ था। यह एक भारतीय (Indian) तालवादक (Percussionist), तबला कलाकार (Tabla Artist), संगीतकार (Composer), संगीत निर्माता (Music Producer) और फिल्म (Film) अभिनेता (Actor) हैं। जाकिर हुसैन जब 3 साल के थे। तभी से उनके पिता ने उन्हें पखवाज सिखाना शुरू कर दिए थे। जिसके लिए उन्हें हर रोज सुबह 3 बजे ही जगना पड़ता था। उनके पिता उन्हें 3 घंटे तक अलग-अलग लय सुनाकर उन्हें शिक्षा देते थे।

उस्ताद जाकिर हुसैन अपने छोटी उम्र से ही गायन-वाद्यन के हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की सभी प्रसिद्ध हस्तियों के साथ रहकर शिक्षा ले चुके हैं। वो पंडित रविशंकर, पंडित शिव कुमार शर्मा, पंडित जसराज, पंडित भीमसेन जोशी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया, उस्ताद विलायत खान, उस्ताद अली अकबर खान हैं के साथ रह चुके है। उस्ताद जाकिर हुसैन भारत देश के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी ख्याति बना चुके है। उन्होंने 7 वर्ष की आयु में अपना पहला संगीत कार्यक्रम किया था। वर्ष 1970 में वो सितार वादक रविशंकर के साथ अमेरिका गए। उसके बाद उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत की।

उन्होंने 1 साल में 150 से अधिक संगीत कार्यक्रम किए। जाकिर हुसैन ने वर्ष 1978 में  कथक नर्तक और शिक्षक एंटोनिया मिनेकोला से शादी किए। उन्होंने वर्ष 1973 में जॉर्ज हैरिसन के एल्बम ‘लिविंग इन द मटेरियल वर्ल्ड’ और जॉन हैंडी के एल्बम हार्ड वर्क में अभिनय किया। उन्होंने 1979 में वैन मॉरिसन के एल्बम ‘इनटू द म्यूजिक’ में भी अभिनय किया। वर्ष 1999 में उन्होंने कान्स फिल्म फेस्टिवल में मलयालम फिल्म ‘वानप्रस्थम’ के लिए रचना और अभिनय किया। जिसके लिए उनका ग्रैंड जूरी पुरस्कार में नामांकन किया गया था, और 2000 में पुरस्कार से सम्मानित हुए थे। ऐसे ही जाकिर हुसैन ने कई फिल्म महोत्सव में अभिनय किया और पुरस्कार जीते।

उन्होंने साल 2000 में मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और तुर्की में  इस्तांबुल अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अभिनय किया। इसके साथ उन्होंने कई फिल्मों के लिए साउंडट्रैक की भी रचना कर चुके है। उन्होंने बर्नार्डो बर्टोलुची की लिटिल बुद्धा, इस्माइल मर्चेंट द्वारा इन कस्टडी और फ्रांसिस कोपोला के एपोकैलिप्स नाउ और अन्य कई फिल्मों के साउंडट्रैक पर तबला बजाया है। वर्ष 1998 की डॉक्यूमेंट्री ‘ज़ाकिर एंड हिज़ फ्रेंड्स’, ‘द स्पीकिंग हैंड: ज़ाकिर हुसैन एंड द आर्ट ऑफ़ द इंडियन ड्रम’ में अभिनय किया। उस्ताद जाकिर हुसैन वर्ष 2016 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ओबामा द्वारा व्हाइट हाउस में अंतर्राष्ट्रीय जैज़ दिवस पर ‘ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट’ में आमंत्रित किए गए थे।

वर्ष 1988 में उन्हें राष्ट्रपति अब्दुल कलाम द्वारा प्रस्तुत भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और 2002 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। वर्ष 1990 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1999 में यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल एंडोमेंट फॉर द आर्ट्स की नेशनल हेरिटेज फैलोशिप से भी सम्मानित किया गया हैं। जो संगीतकारों और कलाकारों  को दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।