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Published: Mar 29, 2022 10:50 PM IST

Abhishek Banerjeeदिल्ली में ED के समक्ष पेश नहीं हुए अभिषेक बनर्जी, एजेंसी फिर से जारी कर सकती है समन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नयी दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं सांसद अभिषेक बनर्जी (TMC MP Abhishek Banerjee) पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कथित कोयला घोटाले (Coal Scam) से जुड़े धन शोधन मामले (money laundering case) में पुन: पूछताछ के लिए यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष मंगलवार को पेश नहीं हुए। सूत्रों ने यह जानकारी दी। ऐसा बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 34 वर्षीय भतीजे अभिषेक बनर्जी ने मामले के जांच अधिकारी को ई-मेल भेजकर अपने पेश नहीं होने के लिए कुछ निजी कारणों का हवाला दिया है। ऐसा समझा जाता है कि एजेंसी को डायमंड हार्बर से लोकसभा सदस्य की अर्जी में दम नजर नहीं आया है और यदि वह पेश नहीं होते हैं, तो उन्हें जल्द ही किसी तारीख फिर से बुलाया जा सकता है।

प्रवर्तन निदेशालय ने अभिषेक बनर्जी के खिलाफ समन जारी कर उनसे मंगलवार को पेश होने के लिए कहा था। इसके पहले तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से ईडी के अधिकारियों ने दिल्ली में 21 मार्च को करीब आठ घंटे तक पूछताछ की थी। इस मामले में उनसे दूसरी बार पूछताछ की गई थी।

ईडी ने सबसे पहले उनसे पिछले साल सितंबर में पूछताछ की थी और उनका बयान धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार को जारी समन मामले में अभिषेक बनर्जी की कथित भूमिका एवं अन्य आरोपियों से उनके संबंधों का पता लगाने के लिए उनसे जारी पूछताछ का हिस्सा था।

बनर्जी की पत्नी रुजिरा के खिलाफ समन जारी करके उन्हें 22 मार्च को यहां ईडी कार्यालय में पेश होने को कहा गया था, लेकिन वह भी कार्यालय नहीं पहुंची और अब उनसे 30 मार्च को पेश होने को कहा गया है। सांसद ने कहा था उनकी पत्नी को उनके ढाई साल के बच्चे का ध्यान रखना होता है और इसलिए वह दिल्ली नहीं आ सकीं। उन्होंने 21 मार्च को ईडी के कार्यालय के बाहर कहा था कि निदेशालय कोलकाता में उनकी पत्नी से पूछताछ कर सकता है और वह सहयोग करने के लिए ‘‘तैयार” हैं।

बनर्जी ने पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करके उन्हें और उनकी पत्नी को दिल्ली में एजेंसी के समक्ष पेश होने का आदेश देने संबंधी ईडी के नोटिस को चुनौती दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी के खिलाफ दायर उनकी याचिका 11 मार्च को खारिज कर दी थी।

ईडी ने सीबीआई द्वारा नवंबर 2020 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन रोकथाम कानून, 2002 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें आसनसोल और उसके आसपास के कुनुस्तोरिया तथा कजोरा इलाकों में ‘ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड’ की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला घोटाले का आरोप लगाया गया है। अभिषेक बनर्जी ने यहां ईडी कार्यालय से पिछली बार बाहर निकलते समय संवाददाताओं से कहा था कि वह काननू का पालन करने वाले नागरिक हैं, इसलिए उन्होंने जांच में सहयोग किया।

उन्होंने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केंद्रीय जांच एजेंसी का दुरुपयोग कर रही है, ताकि विपक्ष और इसके प्रमुख लोगों को डराया जा सके। इस मामले में स्थानीय कोयला संचालक अनूप माझी उर्फ लाला मुख्य आरोपी हैं। जांच एजेंसी इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से एक का नाम विकास मिश्रा है। मिश्रा तृणमूल की युवा शाखा के नेता विनय मिश्रा का भाई है और समझा जाता है कि विनय ने देश छोड़ दिया है। दूसरा गिरफ्तार आरोपी बांकुड़ा थाने का पूर्व इंस्पेक्टर अशोक कुमार मिश्रा है। (एजेंसी)