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Published: Jan 24, 2024 12:11 PM IST

Badruddin Ajmal Statement 'मुस्लिम लड़कियों के बालों पर बदरुद्दीन अजमल का 'शैतानी' कमेंट, मुस्लिम IAS-IPS और Doctor को दे रहे एक नई नसहीत, आखिर क्या चाहतें हैं AIUDF चीफ..?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नई दिल्ली: अपने तीखे बयान को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के चीफ बदरुद्दीन अजमल (Badruddin Ajmal) ने एक बार फिर महिलाओं को लेकर टिप्पणी की है। जहां उन्होंने महिलाओं की तुलना में शैतान को भी बीच में घसीट लिया है। 

AIUDF चीफ बदरुद्दीन अजमल का कहना है की, ”लड़कियों के बाल शैतान की रस्सी होते हैं। लड़कियों का मेकअप भी शैतान की रस्सी होता है। मुस्लिम  महिला चाहे आईएएस बनें या आईपीएस, डॉक्टर हो या चाहे आम घर से निकलें तो उनका सिर ढका और आंखें झुकी होनी चाहिए।” 

बदरुद्दीन अजमल की टिप्पणी

बदरुद्दीन अजमल पहले भी अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं। हाल ही में बदरुद्दीन ने महिलाओं को लेकर दिए बयान में कहा की, मैं देखता हूं बाहरी इलाकों में  लड़कियां जब पढ़ने जाती हैं तो सिर पर हिजाब रहता है। उनका सिर नीचे होता है और वह आंखें नीचे की तरफ करके जा रही होती हैं। लेकिन असम की बात की जाए तो लड़कियों का हिजाब में रहना जरूरी है। सिर के बाल को छिपाकर रखना और हिजाब पहनना यह हमारे धर्म में है।’ 

हिजाब में मुस्लिम महिलाऐं (प्रतीकात्मक फोटो)

AIUDF चीफ बदरुद्दीन अजमल आगे कहते हैं की, ‘लड़कियों के बाल शैतान की रस्सी होते हैं। लड़कियों का मेकअप शैतान की रस्सी होता है। इसलिए बाजार में जाने से पहले उनका सिर ढका और आंखें झुकी होनी चाहिए। साइंस लेकर पढ़ाई करो, Doctor बनो या IAS और IPS। अगर आप इन चीजों को फॉलो नहीं करेंगे तो कैसे समझ आएगा कि मुसलमान डॉक्टर या आईपीएस कौन है। वह भी लोग हैं, हम भी लोग हैं। फर्क का अंदाजा कैसे करेंगे। 

''लड़कियों के बाल शैतान की रस्सी होते हैं। लड़कियों का मेकअप शैतान की रस्सी होता है। इसलिए बाजार में जाने से पहले उनका सिर ढका और आंखें झुकी होनी चाहिए। साइंस लेकर पढ़ाई करो, Doctor बनो या IAS और IPS बनो। अगर आप इन चीजों को फॉलो नहीं करेंगे तो कैसे समझ आएगा कि मुसलमान डॉक्टर या आईपीएस कौन है। वह भी लोग हैं, हम भी लोग हैं। फर्क का अंदाजा कैसे करेंगे।''

AIUDF चीफ बदरुद्दीन अजमल

“नीची निगाह”

बदरुद्दीन अजमल मजहब का हवाला देकर कहते हैं की घर से निकलते समय मुस्लिम महिलाओं की नगाहें नीची होनी चाहिए। पर शायद वे मर्दों को भी यह ताकीद करना भूल गए हैं की औरतों को निगाह भर देखना भी मजहब में नहीं है।