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Published: Dec 06, 2020 09:07 AM IST

किसान आन्दोलन मोदी सरकार और किसानों में फिर नहीं बनी बात, अब अगली बैठक 9 दिसम्बर को

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नयी दिल्ली. मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा बनाये गए विवादस्पद कृषि कानूनों (Farm Law) के चलते देश के किसान (Farmers) इसके विरोध में पिछले दस दिनों से सड़क पर हैं। बीते शनिवार को इस  गतिरोध को खत्म करने के लिए अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। पांच घंटे चली इस बातचीत से भी दोनों पक्षों के लोग किसी ठोस नतीजे पर नहीं आ सके हैं। अब आगामी 9 दिसंबर को फिर एक बार यह दोनों एक दुसरे के सामने होंगे ।

क्या ख़ास हुआ था कल:

बीते शनिवार को किसानों से मिलने के पहले ही विभिन्न बैठकों का दौर शुरू हो गया था। कल गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बीच एक बैठक हुई थी।  इस बैठक में  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh),  पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) भी मौजूद थे।  

क्या कहा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने: 

इसके बाद ठीक दो बजे सरकार और किसानों की बैठक शुरू हुई। जिसमे सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे । वहीं, किसानों की ओर से उनके 40 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। विज्ञान भवन (Vigyan Bhavan) में करीब पांच घंटे चली बातचीत के बाद कोई निर्णय नहीं निकला था। इस बैठक की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया था कि, “हमने कहा है कि MSP जारी रहेगा, इससे कोई खतरा नहीं है । इस पर शक करना बेबुनियाद है। फिर भी, अगर किसी को संदेह है तो सरकार इसे सुलझाने के लिए तैयार है।” कृषि मंत्री ने कहा, “हम लोग चाहते थे कि कुछ विषयों पर हमें स्पष्टता से सुझाव मिलें लेकिन बातचीत के दौर से ये संभव नहीं हो सका । कुछ सुझाव मिल जाते तो हमें रास्ता निकालना थोड़ा आसान हो जाता । अभी भी उसका इंतज़ार करेंगे ।”उन्होंने यह भी कहा था कि, “मेरा किसान यूनियन से आग्रह है कि सर्दी का सीज़न है कोविड का संकट है इसलिए जो बुज़ुर्ग लोग हैं और जो बच्चें हैं अगर उन्हें यूनियन के नेता घर भेज देंगे तो वे सुविधा से रह सकेंगे ।”

हालाँकि इस बैठक के ठीक पहले ही किसानों ने अपने तेवर दिखा दिए थे । कल किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने पहले ही साफ़ कर दिया था कि, सरकार अब इन तीनों कृषि कानून को वापस ले और MSP को लेकर गारंटी कानून बनाए।  सरकार को किसानों की मांगों को मानना पड़ेगा।  जगजीत सिंह ने यह भी कहा था  कि, “यह बात हम पहले भी साफ कर चुके हैं। आज भी साफ कर रहे हैं और आज की मीटिंग में भी हमारा इन्हीं बातों पर जोर रहेगा। सरकार कितना भी समझाने की कोशिश कर ले, हम मानने वाले नहीं हैं। हम सरकार को कई बार कह चुके हैं। हमने इस बाबत लिखित में भी सरकार को बताया है कि तीनों कानूनों को तो पूरा वापस करना ही पड़ेगा।” अंत में किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि, “अब सरकार को तय करना होगा कि वह कैसे रास्ता निकालती है, क्या करती है।हमारा आंदोलन तो जारी ही रहेगा।”  

क्या रुख है किसानों का:

इसी तेवर के साथ किसान नेता बैठक में भी नजर आये । किसान नेताओं ने यहाँ नाराजगी भरे स्वर में कहा कि सरकार हमारी मांगों पर फैसला ले, नहीं तो हम बैठक से जा रहे हैं ।  किसान संगठनों ने यह भी कहा कि हमा आनेवाले एक साल का राशन लेकर आये हैं । सामग्री है । अब यह सरकार को तय करना है वो क्या चाहती है । किसान नेताओं ने सरकार से यह भी साफ़ कहा कि आप बता दीजिए कि आप हमारी मांग पूरी करेंगे या नहीं । किसान सरकार से अब ‘हां या ना’ में जवाब मांग रहे थे । वे अपने साथ प्ले कार्ड लेकर पहुंचे थे, जिसपर ‘Yes or No’ लिखा था । 

BKU: आन्दोलन जारी रहेगा

इधर इस मुद्दे पर भारतीय किसान संघ (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, “हमारा आंदोलन अब भी जारी रहेगा । हम किसान हैं, हम थकने वाले नहीं हैं।” वहीं, अन्य किसान नेताओं ने कहा कि, “केंद्र सरकार ने अब कहा है कि वे हमें आने वाले 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव भेजेंगे। हम (किसान) फिर आपस में इस पर चर्चा करेंगे, जिसके बाद उसी दिन हमारी उनके साथ बैठक होगी । इसके साथ ही किसान नेता बूटा सिंह का साफ़ कहना है कि “हम कानून रद्द करा कर ही मानेंगे । इससे कम पर हम मानने वाले अब तो बिलकुल नहीं है ।” अब देखना यह है कि आगामी 9 दिसम्बर को हवा का रुख क्या होता है । फिलहाल देश का अन्नदाता अपने आन्दोलन पर बैठा है और हार नहीं मान रहा है।