देश
Published: Dec 19, 2022 01:00 PM ISTRajya Sabhaराज्यसभा में BJP नेता सुशील कुमार मोदी का समलैंगिक विवाह पर आपत्ति, कहा- अदालत में इसके विरोध में दायर करें याचिका
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य ने सोमवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में सरकार से मांग की कि देश में समलैंगिक विवाह (same-sex marriage) को कानूनी मान्यता देने के प्रयासों को खारिज करना चाहिए और अदालत (court) में इसके विरोध में अपनी बात मजबूती से रखनी चाहिए ताकि सदियों से पवित्र मानी जाने वाली विवाह संस्था की पवित्रता बनी रहे।
भाजपा के सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Mod) ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि 33 देशों में समलैंगिक विवाह को मान्यता दी जा चुकी है और इसी सप्ताह अमेरिका में भी सीनेट ने इसके लिए कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि जापान ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं दी है। एशिया में ताइवान एकमात्र ऐसा देश है जिसने इसे कानूनी मान्यता दी है।
भाजपा सदस्य ने कहा पश्चिम का अनुसरण करने वाले कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं कि देश में भी समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिले, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए अन्यथा असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां विवाह संस्था को पवित्र माना गया है। इसकी कुछ विशेषताएं और प्रथाएं हैं और यह सदियों से चली आ रही हैं। विवाह से परिवार, बच्चे, उनका पालन पोषण, घरेलू हिंसा, पिता के घर में बेटी के रहने का अधिकार, तलाक, भरण पोषण आदि मुद्दे भी संबद्ध हैं।”
उन्होंने कहा कि देश में मुस्लिम पर्सनल लॉ सहित अन्य किसी भी कानून में समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि इस सामाजिक मुद्दे पर संसद में तथा समाज में पर्याप्त बहस होनी चाहिए और केवल दो न्यायाधीश इस बारे में निर्णय नहीं ले सकते। उन्होंने मांग की कि समलैंगिक विवाह के विरोध में सरकार को अदालत में अपनी बात मजबूती से रखनी चाहिए ताकि इसे वैधानिक दर्जा न मिल सके। (एजेंसी)