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Published: Dec 02, 2023 04:15 PM IST

Cash For Query Caseमहुआ मोइत्रा मामले में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र, कहा-निष्कासन ‘‘अत्यंत गंभीर दंड''

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
अधीर रंजन चौधरी

नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने ‘‘धन लेकर प्रश्न पूछने” के मामले (Cash For Query Case) में तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के खिलाफ आचार समिति की कार्रवाई को लेकर लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को शनिवार को पत्र लिखकर निष्कासन को ‘अत्यंत गंभीर दंड’ करार दिया। साथ ही चौधरी ने नियमों तथा संसदीय समितियों के कामकाज पर पुनर्विचार की मांग की।

चौधरी ने चार पृष्ठों वाले अपने पत्र में कहा कि विशेषाधिकार समिति और आचार समिति के लिए उल्लेखित भूमिकाओं में कोई स्पष्ट सीमांकन नहीं है, विशेष रूप से दंडात्मक शक्तियों के प्रयोग के मामलों में। कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके अलावा ‘‘अनैतिक आचरण” की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है और प्रक्रिया नियमावली के नियम 316बी के तहत परिकल्पित ‘आचार संहिता’ तैयार की जानी बाकी है। पत्र में उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है और यह काम अध्यक्ष के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए।

चौधरी लोक लेखा समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा व्यक्त किए गए विचार निजी हैं। ‘‘धन लेकर प्रश्न पूछने” के मामले में आचार समिति की रिपोर्ट सोमवार को निचले सदन में पेश की जाएगी। इस रिपोर्ट में मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की गई है। समिति ने नौ नवंबर को एक बैठक में ‘‘धन लेकर प्रश्न पूछने” के आरोप में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश संबंधी अपनी रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। 

लोकसभा सचिवालय द्वारा वितरित कार्यसूची के अनुसार आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर समिति की पहली रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे। ‘धन लेकर सवाल पूछने’ के आरोप में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासन की सिफारिश वाली रिपोर्ट को आचार समिति ने 9 नवंबर की अपनी बैठक में मंजूरी दी थी।   चौधरी ने अपने पत्र में कहा,‘‘ मैं अपनी राय आपके सामने रखने की मंशा से आपको पत्र लिख रखा हूं, ये मेरे निजी विचार हैं। संसदीय समितियों के कामकाज से संबंधित नियमों और प्रक्रियाओं पर पुनर्विचार और उचित समीक्षा की आवश्यकता है…।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि सदस्य अतिसंवेदनशील नहीं बनें और खुद को ‘अप्रिय स्थिति’ में नहीं पाएं इसके लिए लोकसभा के आधिकारिक पोर्टल के कामकाज से संबंधित नियमों पर गौर करना होगा और समीक्षा करनी होगी। चौधरी ने पत्र में कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि आपके नेतृत्व और नियंत्रण में कोई अन्याय नहीं होगा और संसद की कार्यवाही तथा सदन का कामकाज सभी सदस्यों के लाभ के लिए सुगम बनाया जाएगा।”

महुआ के खिलाफ ‘‘पैसे लेकर सवाल पूछने” के आरोपों की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले ‘‘अनैतिक आचरण” के आधार पर उन्हें संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की है।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी और उन पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था। वहीं, मोइत्रा ने लोकसभा की आचार समिति की निष्कासन संबंधी सिफारिश को खारिज करते हुए इसे ‘एक तथाकथित मनमानी अदालत द्वारा पहले से किया गया फिक्स मैच’ करार दिया और कहा था कि यह भारत में ‘‘लोकतंत्र की मौत” है।