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Published: Nov 07, 2023 03:16 PM IST

PMGKAY Newsकेंद्र सरकार का बड़ा फैसला, 2028 तक 80 करोड़ लोगों को मिलेगा 'मुफ्त' राशन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से फ्री राशन (Free Ration) मिलने वाले लोगों के लिए आज हम एक बहुत अच्छी खबर लेकर आये है। जैसा कि हम सब जानते है कि कोरोना काल से देश के 80 करोड़ लोगों को ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (PMGKAY) के तहत मुफ्त राशन दिया जाता है। ऐसे में अब खबर सामने आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को अगले पांच साल के लिए बढ़ाने का ऐलान किया है। 

एक अनुमान के मुताबिक दिसंबर 2028 तक इस योजना को जारी रखने में करीब 11 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस प्रस्ताव को आने वाले हफ्तों में केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखे जाने की संभावना है। ऐसे में यह देखना होगा कि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है या नहीं। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को छत्तीसगढ़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए इस योजना के विस्तार की घोषणा की। 

कुल जीडीपी का 4% खर्च 

इस संबंध में पीआईबी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 में देश की जीडीपी 272.41 लाख करोड़ रुपये थी। पीएमजीकेएवाई पर पांच साल में 11 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो देश की कुल जीडीपी का 4 फीसदी होगा। ‘भारत आटा’ की बिक्री शुरू करने के मौके पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र 5 साल तक पीएमजीकेएवाई की पूरी लागत वहन करेगा। केंद्र सरकार द्वारा कोविड के दौरान शुरू की गई इस खाद्य योजना को दिसंबर 2022 में एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। 

ऐसे में अब 2 लाख करोड़ रुपये सालाना की लागत से मुफ्त अनाज योजना को दिसंबर 2022 में एक साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया गया। उस समय इस योजना पर सब्सिडी का खर्च करीब 2 लाख करोड़ रुपये था। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पांच साल में इस योजना की कुल लागत करीब 11 लाख करोड़ रुपये होगी. एमएसपी में बढ़ोतरी और खाद्यान्न प्रबंधन के लिए एफसीआई की वित्तीय लागत के कारण खाद्य सब्सिडी पर खर्च सालाना 5-6% बढ़ने की उम्मीद है। योजना के संचालन में खरीदे गए अनाज का भंडारण, परिवहन, प्रबंधन और हानि शामिल है।

पिछले दो वित्तीय वर्षों में धान और गेहूं के एमएसपी में सालाना 5-7% की बढ़ोतरी हुई है। 2023-24 के लिए चावल और गेहूं की कीमतें 2021-22 में क्रमशः 35.6 रुपये प्रति किलोग्राम और 24.7 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर क्रमशः 39.2 रुपये प्रति किलोग्राम और 27 रुपये प्रति किलोग्राम होने का अनुमान है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत, एफसीआई को पीएमजीकेएवाई के लिए सालाना लगभग 55-60 मिलियन टन खाद्यान्न की आवश्यकता होती है।