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Published: Jan 05, 2023 08:26 PM IST

ParasnathCM हेमंत सोरेन ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखा पत्र, पारसनाथ में पर्यटन पर 'उचित निर्णय' लेने का किया आग्रह

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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रांची. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जैन समुदाय के सबसे पवित्र स्थलों में से एक पारसनाथ पहाड़ी में पर्यटन को बढ़ावा देने के किसी भी कदम का समुदाय के सदस्यों द्वारा देशभर में विरोध करने के बीच बृहस्पतिवार को केंद्र से इसकी एक अधिसूचना पर ‘‘उचित निर्णय” लेने का आग्रह किया।

सोरेन ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को अगस्त 2019 में केंद्र द्वारा जारी उस अधिसूचना पर एक पत्र लिखा है जिसमें पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य में पर्यटन और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया था, लेकिन उन्होंने फरवरी 2019 में राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा जारी एक अन्य अधिसूचना पर चुप्पी साधे रखी जिसमें पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित किया गया था। पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ियों का एक हिस्सा है।

सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ने जैन समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र की अधिसूचना के प्रावधानों पर अब तक कदम नहीं उठाया है।

सोरेन ने ट्वीट किया, “केंद्रीय वन मंत्री आदरणीय भूपेंद्र यादव जी को पत्र लिख जैन अनुयायियों द्वारा प्राप्त आवेदनों के अनुसार पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखर की शुचिता बनाये रखने हेतु पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की संबंधित अधिसूचना के संदर्भ में समुचित निर्णय लेने हेतु आग्रह किया।”

गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ी स्थित श्री सम्मेद शिखर जी, रांची से लगभग 160 किलोमीटर दूर राज्य की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है। यह जैन समुदाय के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, जिसमें दिगंबर और श्वेतांबर दोनों संप्रदाय शामिल हैं, क्योंकि 24 जैन तीर्थंकरों में से 20 ने इस स्थान पर मोक्ष प्राप्त किया था।

सोरेन ने पत्र में कहा है कि इलाके की शुचिता बनाए रखने के लिए इलाके में पुलिस गश्त तेज कर दी गई है। जैन समुदाय इस स्थान को पर्यटन स्थल घोषित करने वाली सभी अधिसूचनाओं को रद्द करने की मांग कर रहा है, क्योंकि उसे आशंका है कि इससे क्षेत्र में शराब और मांसाहारी भोजन की खपत हो सकती है, जिससे उनकी भावनाएं आहत होंगी। (एजेंसी)