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Published: Dec 18, 2023 07:56 PM ISTParliament Winter Session 2023'विपक्ष को रौंदने के लिए संसद में बुलडोजर चला रही है सरकार', सासंदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस का केंद्र पर हमला
नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) ने लोकसभा से 33 और विपक्षी सदस्यों के निलंबन को तानाशाही भरा कदम करार देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को रौंदने के लिए संसद में बुलडोजर चला रही है। लोकसभा में आसन की अवमानना के आरोप में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) समेत कुल 33 सदस्यों को सोमवार को सदन से निलंबित कर दिया गया। इनमें से 30 सदस्यों को मौजूदा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए और तीन सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है। कुछ दिन पहले ही लोकसभा के 13 सदस्यों और राज्यसभा के एक सदस्य का निलंबन हुआ था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सबसे पहले कुछ लोगों ने संसद पर हमला किया। फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। निरंकुश मोदी सरकार द्वारा 47 सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में डाला जा रहा है।” उन्होंने दावा किया, ‘‘विपक्ष विहीन संसद के साथ मोदी सरकार अब बिना किसी चर्चा के महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को पारित कर सकती है, विरोध की आवाज कुचल सकती है।”
निलंबन के बाद चौधरी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि इस सरकार में तानाशाही चरमसीमा पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग रही है कि हमारे जिन साथी सांसदों को निलंबित किया गया है, उनका निलंबन रद्द हो और गृहमंत्री अमित शाह जी संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर सदन में आकर बयान दें…मैंने यह सलाह भी दी थी कि सदन के उप नेता राजनाथ सिंह विपक्षी नेताओं को बुलाएं और आम सहमति बनाकर सदन चलाने की कोशिश करें।”
चौधरी ने दावा किया, ‘‘विपक्ष को भरोसे में लेकर सदन चलाना उचित है। लेकिन आज की सरकार तानाशाही की चरमसीमा पर पहुंच गई है। वे सदन को अपने पार्टी कार्यालय की तरह चलाना चाहते हैं।” उनका कहना था, ‘‘हम लोग चर्चा करना चाहते थे। लेकिन सरकार को लगता है कि बहुमत के बाहुबल का डंडा घुमाकर सबको ठंडा कर देंगे।”
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता और निलंबित सदस्यों में शामिल गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को रौंदने के लिए संसद में बुलडोजर चला रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के लोगों के मौलिक अधिकारों को रौंदने की प्रक्रिया है। यह साफ-साफ जाहिर करता है कि सरकार की मंशा सदन चलाने की नहीं है, सिर्फ गृह मंत्री की विफलता को छिपाने की है।” कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि संसद अब चर्चा की नहीं, बल्कि निलंबन की जगह बन गई है। (एजेंसी)