33 loksabha mps suspended including adhir ranjan chaudhary

Loading

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने सोमवार (18 दिसंबर) को संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर जमकर हंगामा किया। इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (OM Birla) ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Choudhary) समेत 30 सांसदों को लोकसभा के शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया। जबकि तीन सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक सस्पेंड किया है। बता दें कि इससे पहले ही 13 सांसदों को पुरे सत्र के लिए सस्पेंड किया गया है।

अधीर रंजन समेत 30 सांसद पुरे सत्र से निलंबित 

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, DMK सांसद टी.आर. बालू, दयानिधि मारन और तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय समेत 33 विपक्षी सदस्यों को सोमवार को लोकसभा से निलंबित कर दिया। सदन में आसन की चेतावनी के बावजूद तख्तियां लहराने और सदन की अवमानना के मामले में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, के. सुरेश एवं गौरव गोगोई, तृणमूल कांग्रेस सदस्य कल्याण बनर्जी, सौगत राय और प्रतिमा मंडल, द्रमुक सदस्य टी आर बालू, दयानिधि मारन और ए राजा, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन सहित 30 सदस्यों को संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। लोकसभा के तीन और सदस्यों- के. जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है। 

निलंबन पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा 

लोकसभा से अपने निलंबन पर कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा , ”मेरे समेत सभी नेताओं को निलंबित कर दिया गया है। हम कई दिनों से मांग कर रहे हैं कि हमारे जिन सांसदों को पहले निलंबित किया गया था उन्हें बहाल किया जाए और गृह मंत्री आएं सदन में जाकर वक्तव्य दें।” उन्होंने कहा, “वह रोज टीवी पर बयान देते हैं और संसद की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कर रही है, इस पर भी वह थोड़ा संसद में भी बोल सकते हैं। आज की सरकार अत्याचार की पराकाष्ठा पर पहुंच गयी है, हम चर्चा चाहते थे।”

प्रह्लाद जोशी रखा प्रस्ताव 

सदन की अवमानना के मामले में 30 सदस्यों को सत्र की शेष अवधि के लिए और तीन अन्य सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किये जाने के बाद बैठक अपराह्न तीन बजे के कुछ मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।  सदन की बैठक विपक्ष की नारेबाजी के कारण चार बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे पुन: शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 30 विपक्षी सदस्यों को शेष सत्र के लिए निलंबित किये जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित किया। इसके बाद पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

निलंबन का सुरक्षा में चूक की घटना से कोई संबंध नहीं

पूर्वाह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष बिरला ने संसद की सुरक्षा में चूक संबंधी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से चिंता जताई थी और सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के सुझाव के आधार पर उन्होंने कुछ सुरक्षा उपाय किए हैं और कुछ पर भविष्य में अमल किया जाएगा। उन्होंने सदन की अवमानना के मामले में पिछले सप्ताह विपक्ष के 13 सदस्यों को निलंबित किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि निलंबन का सुरक्षा में चूक की घटना से कोई संबंध नहीं है और इसका संबंध संसद की गरिमा एवं प्रतिष्ठा बनाये रखने से है। 

…तो मुझे व्यक्तिगत पीड़ा होती है

उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी सदस्य को निलंबित किया जाता है तो मुझे व्यक्तिगत पीड़ा होती है।” उन्होंने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे को लेकर निराशा प्रकट करते हुए कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण कि हम ऐसी घटनाओं को लेकर राजनीति कर रहे हैं। यह राजनीति करने वाली घटनाएं नहीं हैं।” बिरला ने कहा कि नए संसद भवन में कामकाज शुरू करने से पहले सभी दलों के नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई थी कि सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन नहीं किया जाएगा और सदन की गरिमा एवं मर्यादा को बनाकर रखा जाएगा।

बिरला ने कहा, ‘‘तख्तियां लाना, नारेबाजी करना, आसन के समीप आना सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है। देश की जनता भी इसे पसंद नहीं करती।” अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘मेरा निवेदन है कि राष्ट्रहित में आप मुझे सहयोग करें। पूर्व में भी आपका सहयोग मिला है, लेकिन ये तख्तियां लेकर आना उचित नहीं।” उन्होंने कहा, ‘‘आप सबने कहा था कि तख्तियां लेकर नहीं आएंगे। आप फिर भी ऐसा कर रहे हैं और सदन की मर्यादा तोड़ रहे हैं। सदन तभी चलेगा जब तख्तियां लेकर नहीं आएंगे।”

सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर उच्च-स्तरीय जांच

उन्होंने कहा कि सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर उच्च-स्तरीय जांच शुरू हो गई है और संसद स्तर पर भी जांच के लिए उच्चाधिकार-प्राप्त समिति बनाई गई है, जो संसद में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगी तथा सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी, ताकि भविष्य में कोई ऐसी घटना न घटे। संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को, सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया।

 हर चिंता का समाधान निकालेंगे

बिरला ने कहा कि पहले भी सदन में नारेबाजी, पर्चियां फेंकने और सदन में कूदने की घटनाएं घट चुकी हैं और तब भी सदस्यों ने सामूहिकता से काम किया था एवं ऐसी घटनाओं के विरोध में एक स्वर में एक साथ मिलकर दृढ़संकल्प (इरादा) जताया था। उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा संसदीय सचिवालय के तहत आती है और इसकी कार्ययोजना बनाने का काम संसद का है। बिरला ने कहा कि पहले की घटनाओं पर भी तत्कालीन अध्यक्षों ने संज्ञान लेकर कार्रवाई की थी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मुद्दे पर संसद ही कार्ययोजना बनाएगी और आवश्यकता होगी तो सरकार का सहयोग लिया जा सकता है, लेकिन यह विषय संसद के क्षेत्राधिकार का ही रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी जिम्मेदारी है, संसद सचिवालय की जिम्मेदारी है। हर चिंता का समाधान निकालेंगे।”

चार बार लोकसभा करनी पड़ी स्थगित 

हालांकि, विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही और अध्यक्ष बिरला ने बैठक शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे जैसे ही फिर से शुरू हुई, विपक्ष के सदस्य जोर-जोर से सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। 

पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने हंगामे के बीच ही जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर जाने का अनुरोध किया, लेकिन सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी। पीठासीन सभापति के अनुरोध का कोई असर हंगामा कर रहे सदस्यों पर नहीं हुआ और 12 बजकर 15 मिनट के करीब सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।  कार्यवाही शोर-शराबे के कारण ही तीसरी बार करीब 20 मिनट के लिए और चौथी बार करीब 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। 

पहले ये सांसद हुए सस्पेंड

इससे पहले भी लोकसभा से विपक्ष के 13 सांसदों को शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों के लिए निलंबित किया गया था। इसमें कांग्रेस के टीएन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस, वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकोम टैगोर हैं। वहीं डीएमके के कनिमोई, माकपा के एस वेकटेशन और भाकपा के के। सु्ब्बारायन हैं। वहीं टीएमसी के सदस्य डेरेक ओब्रायन को राज्यसभा से निलंबित किया गया है।