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Published: Oct 07, 2023 09:20 PM IST

MP Assembly Elections 2023कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक खत्म, 140 सीटों पर हुई चर्चा, कमलनाथ बोले- एक हफ्ते में होंगे उम्मीदवारों के नाम फाइनल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली/भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) के लिए उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक (Congress Central Election Committee Meeting) हुई। बैठक में पार्टी आलाकमान ने कई नामों और सीटों पर चर्चा हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया है।

130-140 सीटों पर हुई चर्चा: कमलनाथ

कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, “हमने कई नामों पर चर्चा की है। फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है। अगले 6-7 दिनों में फैसला ले लिया जाएगा। हमने 130-140 सीटों पर चर्चा की है। इस संबंध में एक और बैठक बुलाकर निर्णय लिया जाएगा।”

दोबारा होगी बैठक: सुरजेवाला

वहीं, कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “मध्य प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई कि भाजपा और शिवराज सरकार ने किस प्रकार से मध्य प्रदेश को एक तरह से बर्बादी और तबाही की राह पर लाकर खड़ा कर दिया है। हमने केंद्रीय चुनाव समिति को संक्षिप्त में बताया कि मध्य प्रदेश अब बदलाव चाहता है। केंद्रीय चुनाव समिति ने सीटों पर चर्चा की, दोबारा बैठक बुलाकर सीटों को लेकर फैसला किया जाएगा।”

इस साल के अंत में होने हैं चुनाव

बता दें कि मध्य प्रदेश 230 विधानसभा सीटों के लिए इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। राज्य में कांग्रेस और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सीधा मुकाबला है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना साधते हुए अपने अभियान को तेज कर रहे हैं।

उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है भाजपा

भाजपा ने मध्य प्रदेश चुनाव के लिए पहले ही उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर चुकी है। दूसरी लिस्ट में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते सहित राज्य के कई भाजपा दिग्गज शामिल है।

2020 में गिरी कोंग्रेस की सरकार

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थी, जबकि भाजपा को 109 सीटें मिलीं। इसके बाद कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी। हालांकि, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति वफादार विधायकों के विद्रोह के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बने।