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Published: Jul 14, 2021 01:16 PM IST

Covid Politics केरल कांग्रेस की राज्य सरकार को नसीहत, पाबंदियों के बावजूद कोरोना के मामले कम करने में नाकाम रहे, अब तीसरी लहर आने से पहले ठोस कदम उठाएं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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तिरुवनंतपुरम: कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण की रोकथाम के लिये जारी पाबंदियों (Restrictions) के बावजूद केरल (Kerala) में संक्रमण के मामले कम करने की ‘‘विफलता” के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश कांग्रेस (Congress) ने बुधवार को कहा कि, वायरस की संभावित तीसरी लहर आने से पहले प्रशासन को संक्रमण के मामले कम करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) अध्यक्ष के. सुधाकरन ने कहा कि, दिल्ली और तमिलनाडु में मामले बहुत ज्यादा थे लेकिन वे बहुत ज्यादा पाबंदियों के बगैर ही संक्रमण के मामले कम करने में कामयाब हुए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर आने की संभावना है और सरकार को मामले कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

केपीसीसी प्रमुख ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पी विजयन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और विभिन्न परियोजनाओं के लिए मंजूरी ली लेकिन उन्होंने केरल में टीकों की आपूर्ति शुरू करने के मुद्दे पर चर्चा नहीं की। कीटेक्स के राज्य से निवेश वापस लेने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह केरल के लिए ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मिंदगी” का मामला है तथा राज्य सरकार को इसे रोकने की कोशिश करनी चाहिए। सुधाकरन ने यह भी दावा किया कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में राज्य सरकार की कथित नाकामी भी एक वजह है कि क्योंकि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान दहेज प्रथा के खिलाफ तथा महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों को खत्म करने के लिए सामाजिक जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से उपवास पर बैठे है।

उन्होंने कहा कि इसी तरह राज्य सरकार व्यापारियों की सहायता करने में ‘‘विफल” रही है। केपीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि अगर राज्य सरकार व्यापारियों की मदद नहीं कर सकती तो उसे उन्हें धमकाना या उनका अपमान नहीं करना चाहिए। सुधाकरन ने कहा कि इन पाबंदियों के चलते व्यापारियों को आत्महत्या के लिए ‘‘विवश” किया गया है। उन्होंने कहा कि न केवल व्यापारी बल्कि अन्य निजी उद्योग जैसे कि निजी बस सेवाएं भी पाबंदियों के कारण ऐसी ही समस्या का सामना कर रहे हैं।