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Published: Feb 16, 2024 04:26 PM IST

Delhi News'विधानसभा में आज मैं विश्वास मत रखूंगा', CM केजरीवाल की बड़ी घोषणा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
अरविंद केजरीवाल (Photo Credit: Social media)

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वो आज (16 फरवरी) को विधानसभा में विश्वात मत रखेंगे। केजरीवाल ने इस बात की जानकारी खुद उनके आधिकारिक एक्स (ट्विटर) पर दी है। हाल ही में आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि पार्टी के विधायकों को तोड़ने की कोशिश हो रही है। ऐसे केजरीवाल ने यह फैसला किया है। जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र मार्च के पहले सप्ताह तक बढ़ाया जा चुका है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “विधानसभा में आज मैं विश्वास मत रखूंगा।” इससे पहले, उपराज्यपाल के अभिभाषण में बाधा डालने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सात विधायकों को शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र की शेष अवधि के लिए सस्पेंड कर दिया गया।

उन्होंने नियम पुस्तिका पढ़ते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों के आचरण से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। विधानसभाध्यक्ष गोयल ने पांडे के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की बात कही। समिति की रिपोर्ट आने तक नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को छोड़कर भाजपा के सात सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया। इसके बाद गोयल ने सात विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेई, जीतेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता को सदन के कक्ष से बाहर जाने के लिए कहा। नेता प्रतिपक्ष बिधूड़ी विरोध जताते हुए सदन से बाहर चले गए। 

गोयल ने गुरूवार को बजट सत्र के पहले दिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान बार-बार बाधा पहुंचाने के लिए भाजपा विधायकों को मार्शल के माध्यम से सदन से बाहर भेज दिया था। विधानसभा के अधिकारियों ने बताया था कि सक्सेना ने जब अपना अभिभाषण शुरू किया और शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया तो भाजपा विधायक व पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों के वित्तपोषण का मुद्दा उठाते हुए उन्हें रोक दिया। भाजपा के अन्य विधायकों ने अभिभाषण के दौरान पानी की कमी, आयुष्मान भारत योजना को लागू न करने, अस्पतालों की खराब स्थिति और बिजली दरों को लेकर अभिभाषण में बाधा पहुंचाई।