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Published: Sep 24, 2023 09:49 AM IST

External Affairs Minister S Jaishankar UN VisitG20 समिट में भारत सबको एक साथ लाया, बहुत लोगों को नहीं थी इसकी उम्मीद: विदेश मंत्री जयशंकर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
External Affairs Minister S Jaishankar UN Visit

न्यूयॉर्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar)  न्यूयॉर्क दौरे पर हैं। न्यूयार्क (New York)  में आयोजित ‘इंडिया-यूएन फॉर ग्लोबल साउथ: डिलीवरिंग फॉर डेवलपमेंट’ (‘India-UN for Global South: Delivering for Development) कार्यक्रम में उन्होंने लोगों को संबोधित किया। 23 सितंबर को हुए कार्यक्रम में उन्होंने संबोधन के दौरान  जी20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) और इसके मूल उद्देश्यों को बनाए रखने के भारत के दृढ़ संकल्प पर चर्चा से शुरुआत की।

UN में संबोधन के दौरान ये बोले विदेश मंत्री

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “जी 20 शिखर सम्मेलन में बहुत से लोग आश्चर्यचकित थे कि हमने वास्तव में सभी को एक साथ ला दिया। मुझे नहीं लगता कि उन्हें इसकी पूरी उम्मीद थी। तो ऐसे लोगों का एक समूह होगा जो अभी भी सोच रहा होगा कि यह कैसे हुआ। मुझे लगता है कि यहां मेरे साथ कुछ लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने इस बात की सराहना की है कि हमने जी 20 को ग्लोबल साउथ पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बुलाया और जिस काम के लिए जी 20 बनाया गया था, जो कि वैश्विक वृद्धि और विकास था, हमने उन्हें उस पर फिर से ध्यान केंद्रित करने और ग्लोबल साउथ पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। हमने पहले से ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन का आयोजन करके आंशिक रूप से ऐसा किया।”

चुनौतीपूर्ण था शिखर सम्मेलन 
जयशंकर ने कहा कि हम नई दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन के कुछ ही हफ्ते बाद मिले हैं, यह शिखर सम्मेलन ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम पर हुआ था। उन्होंने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण शिखर सम्मेलन था, क्योंकि हम बहुत तीव्र गति से पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण के साथ-साथ बहुत गहरे उत्तर-दक्षिण विभाजन का सामना कर रहे थे।जी20 के अध्यक्ष के रूप में हम यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत दृढ़ थे कि यह संगठन जिस पर दुनिया ने वास्तव में इतनी उम्मीदें लगाई थीं और अपने मूल एजेंडे पर वापस आने में सक्षम था।

भारत की अध्यक्षता में जी20 में इतने देश एक साथ आए

जयशंकर ने दोहराया कि भारत की जी20 अध्यक्षता का उद्देश्य मुख्य रूप से वैश्विक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देना है। उन्होंने ग्लोबल साउथ समिट के साथ इस अध्यक्षता की शुरुआत पर प्रकाश डाला, जिसमें दक्षिण के 125 देशों को एक साथ लाया गया, जिसमें कई उपस्थित लोगों की सक्रिय भागीदारी थी।