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Published: Apr 07, 2021 09:13 PM IST

Politicsहर्षवर्धन ने महाराष्ट्र सरकार पर साधा निशाना, 'विफलताएं' छिपाने की कोशिश का लगाया आरोप

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Union Health Minister Harsh Vardhan) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) और कुछ अन्य राज्यों पर बुधवार को हमला बोला और उनपर पर्याप्त पात्र लाभार्थियों को टीका लगाए बिना सभी के लिए टीकों (Vaccines) की मांग कर लोगों में दहशत फैलाने तथा अपनी “विफलताएं” छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि टीकों की कमी को लेकर महाराष्ट्र के सरकारी प्रतिनिधियों के बयान, “और कुछ नहीं बल्कि वैश्विक महामारी के प्रसार को रोकने की महाराष्ट्र सरकार की बार-बार की विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश है।”

वर्धन ने कहा कि टीकों की कमी के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र द्वारा की जा रही “जांचें पर्याप्त नहीं हैं और संक्रमितों के संपर्क में आने वालों का पता लगाना भी संतोषजनक नहीं है।”

उन्होंने एक कड़े बयान में कहा, “यह देखकर स्तब्ध रह जाते हैं कि राज्य सरकार निजी वसूली की खातिर लोगों को संस्थागत पृथकवास की अनिवार्यता से छूट देकर महाराष्ट्र को खतरे में डाल रही है।” उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर, जैसा कि राज्य एक संकट से निकल दूसरे में पड़ रहा है, ऐसा लग रहा है कि राज्य नेतृत्व को अपनी जिम्मेदारियों की कोई चिंता नहीं है।”

छत्तीसगढ़ के बारे में, उन्होंने कहा कि राज्य के नेता नियमित रूप से टिप्पणियां कर रहे हैं, ‘‘जिनका मकसद टीकाकरण पर गलत सूचना एवं आतंक फैलाना है।” स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में पिछले दो-तीन हफ्तों में हुई कई मौत का मुद्दा उठाते हुए कहा, “मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहूंगा कि बेहतर होगा कि राज्य सरकार तुच्छ राजनीति करने की बजाय स्वास्थ्य अवसंरचना को सुधारने में अपनी ऊर्जा लगाए।”

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में जांच का तरीका ज्यादातर रेपिड एंटीजन पर निर्भर है जो कि सही रणनीति नहीं है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कई और राज्यों को भी अपने स्वास्थ्य तंत्रों को मजबूत करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए, कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात में जांच की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है। पंजाब में संक्रमण से ऊंची मृत्यु दर को अस्पताल में भर्ती किए जाने वालों की पहचान करके सुधारना होगा।”

हर्षवर्धन ने कहा कि जब राज्य 18 साल के ऊपर हर व्यक्ति को टीके की आपूर्ति के लिए कहें तब यह मान लेना चाहिए कि उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नागरिकों को टीका देने का काम पूरा कर लिया है। (एजेंसी)