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Published: Sep 02, 2022 07:37 PM IST

PoliticsINS विक्रांत नेवी में शामिल, ओवैसी बोले- तीसरे विमानवाहक की इजाजत नहीं दे रहे PM मोदी, भारत की अर्थव्यवस्था बर्बाद की

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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हैदराबाद. भारत के समुद्री इतिहास का सबसे बड़ा जहाज तथा स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ (INS Vikrant) को शुक्रवार को भारतीय नेवी (Indian Navy) को सौंप दिया गया। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की घरेलू क्षमताएं हैं। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारतीय नेवी को तीसरे विमानवाहक की भी जरूरत है लेकिन मोदी इसकी इजाजत नहीं दे रहे हैं।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “आज आईएनएस विक्रांत लॉन्च कर दिया गया है। लेकिन हमें यह भी सोचना होगा कि हमें तीसरे वाहक विमान की भी जरूरत है लेकिन वह (पीएम मोदी) अनुमति नहीं दे रहे हैं।”

AIMIM प्रमुख ने कहा, “मैंने नेवी को मुबारकबाद दिया। INS विक्रांत स्वदेशी विमान वाहक जिसका कमीशन आज प्रधानमंत्री ने अपने हाथों से किया उसका लॉन्च 2013 में हुआ था। हमें ये भी सोचना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार तीसरे विमानवाहक की इजाजत क्यों नहीं दे रही है?”

हैदराबाद सांसद ने आगे कहा, “नेवी में हमें 200 जहाज की जरूरत है हमारे पास बस 130 हैं इसकी इजाजत प्रधानमंत्री क्यों नहीं दे रहे हैं? इसकी इजाजत इसलिए नहीं दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को अपनी नीतियों से बर्बाद कर दिया है। उनके पास पैसे नहीं हैं।”

गौरतलब है कि आज प्रधानमंत्री मोदी ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में स्वदेश निर्मित जहाज को नौसेना के बेड़े में शामिल किया। इस जहाज का नाम नौसेना के एक पूर्व जहाज ‘विक्रांत’ के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभायी थी।

यह जहाज कुल 262 मीटर लंबा तथा 62 मीटर चौड़ा है, जो 28 समुद्री मील से लेकर 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है। 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बना यह विमान वाहक जहाज अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यह देश में बने ‘एडवांसड लाइट हेलिकॉप्टर’ (एएलएच) के अलावा मिग-29के लड़ाकू विमान सहित 30 विमान संचालित करने की क्षमता रखता है।