नई दिल्ली. आज यानी 2 सितम्बर, शुक्रवार को, भारत के समुद्री इतिहास में अब तक के सबसे बड़े जहाज तथा स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘IAC विक्रांत’ (IAC Vikrant) का जलावतरण किया गया है। आज इस मौके पर यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से लैस युद्धपोत का जलावतरण किया।
#WATCH | PM Narendra Modi commissions indigenous Aircraft Carrier IAC Vikrant, the largest & most complex warship ever built in India’s maritime history, into the Indian Navy at a ceremony in Kochi, Kerala. #INSVikrant pic.twitter.com/8oiQN2AnMg
— ANI (@ANI) September 2, 2022
INS Vikrant is an example of Government’s thrust to making India’s defence sector self-reliant. https://t.co/97GkAzZ3sk
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2022
#WATCH live via ANI FB | Commissioning ceremony of the first indigenous aircraft carrier as INS Vikrant, at Cochin Shipyard Limited in Kochi, Kerala.
Prime Minister Narendra Modi to commission it into the Indian Navy shortly.
(Source: DD)https://t.co/gsnUBoGWsZ pic.twitter.com/ZuiaHGeBvJ
— ANI (@ANI) September 2, 2022
गौरतलब है कि PM मोदी ने इस अवसर पर औपनिवेशिक अतीत को खत्म करते हुए नए नौसेना ध्वज (निशान) का भी अनावरण किया। इसके साथ ही आज प्रधानमंत्री मोदी ने दो सितंबर की तारीख को ‘‘रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनने की दिशा में भारत के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन” बताया है क्योंकि देश में डिजाइन और निर्मित किए गए पहले विमानवाहक पोत IAC विक्रांत को सेवा में शामिल किया गया है।
क्या कहा PM मोदी ने
आज के ख़ास मौके पर PM मोदी ने कहा कि, “इस तरह के एयरक्राफ्ट कैरियर सिर्फ विकसित देश ही बनाते थे। आज भारत इस लीग में शामिल होकर विकसित राज्य की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है।अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी। लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा।”
इसके साथ ही उन्होंने नए नौसेना ध्वज (निशान) के अनावरण पर कहा कि, “आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। सेनाओं में किस तरह बदलाव आ रहा है उसका एक पक्ष मैं देश के सामने रखना चाहता हूं, विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है।”
#WATCH | Kochi, Kerala | Hoisting of the new Naval Ensign ‘Nishaan’, on #INSVikrant in the presence of Prime Minister Narendra Modi. pic.twitter.com/DaFdg52iMU
— ANI (@ANI) September 2, 2022
PM Narendra Modi commissions indigenous Aircraft Carrier IAC Vikrant, the largest & most complex warship ever built in India’s maritime history, into the Indian Navy at a ceremony in Kochi, Kerala. #INSVikrant pic.twitter.com/CEQAX5ybYE
— ANI (@ANI) September 2, 2022
बता दें कि, इसे मेक इन इंडिया (Make In India) के तहत बनाया गया है। इसके साथ ही यह अब तक का भारत का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत है। वहीं भारत से पहले सिर्फ पांच और देशों ने 40 हजार टन से अधिक वजन वाला एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier) बनाया है। IAC विक्रांत का वजन 45 हजार टन है। वहीं विक्रांत के सेवा में आने से भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे उन चुनिंदा देशों के उस समूह में शामिल हो जाएगा जिनके पास स्वदेशी रूप से डिजाइन करने और एक विमान वाहक बनाने की क्षमता है।
#WATCH | Shaping a dream building a nation. Designed by the Indian Navy and constructed by CSL Cochin, a shining beacon of AatmaNirbhar Bharat, IAC #Vikrant is all set to be commissioned into the Indian Navy.
(Source: Indian Navy) pic.twitter.com/LpHADHTlPk
— ANI (@ANI) September 2, 2022
इस ख़ास मौके पर आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, एर्नाकुलम के सांसद हिबी ईडन, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर। हरी कुमार और नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के शीर्ष अधिकारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति भी इस अहम कार्यक्रम में शामिल थे।