देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जंगलो में भीषण आग की लपटें उठ रही हैं। शासन- प्रशासन आग बुझाने में हफ्तों से जटी हुई है। वहीं अलग-अलग वन क्षेत्र में आरक्षित वनों में आग लगाने वाले सात आरोपियों को वन विभाग की टीम ने रंगेहाथ दबोच लिया। इनमें से एक आरोपी नेपाली मूल का मजदूर है।
एक भेजा जेल बाकी पर मुकदमा
लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज में पकड़े गए आरोपियों में से एक को जेल भेजा गया और अन्य आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर हुआ है। भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के जयहरीखाल रेंज अधिकारी बीडी जोशी ने बताया कि रविवार को वनकर्मी कुल्हाड़ के नापखेतों में लगी आग बुझाने के बाद वापस लौट रहे थे।
गैस लाइटर बरामद
इस दौरान एक व्यक्ति कुल्हाड़ मोड़ के पास सड़क किनारे जंगल में आग लगा रहा था। वनकर्मियों ने उसे आग लगाते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। उसके हाथ में गैस लाइटर भी था। जबकि घटनास्थल से कुछ दूरी पर ही उसके तीन अन्य साथी पाइपलाइन बिछाने का काम कर रहे थे।
मजदूरों ने आग लगाने की बात स्वीकार की
वनकर्मी चारों को पकड़कर रेंज कार्यालय लैंसडौन लाए। तीनों गवाह राजेंद्र, सतीश कुमार और रंजीत सिंह ने नेपाली मजदूर टेकराम द्वारा जंगल में आग लगाए जाने की बात स्वीकार की।