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Published: Oct 11, 2021 04:02 PM IST

Jungle Manकर्ज नहीं दे पाया शख्स, एंबेसडर कार में 17 साल से जंगल में रहने को है मजबूर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

सोशल मीडिया पर कर्नाटक के एक ऐसे शख्स की है खबर वायरल हो रही है जो पिछले 17 वर्षों से जंगल के बीच अपनी जर्जर हो चुकी सफेद एंबेसडर कार में रह रहा है। खबर जानकर मन में पहला सवाल आता है कि – आखिर क्यों यह शख्स घने जंगल में समाज से दूर अकेले में जीवन गुजार रहा है?  बता दें कि शख्स का नाम चंद्रशेखर गौड़ा है, जोकि 56 साल के हैं। दअरसल, एग्रीकल्चर लोन (कृषि ऋण) न चुकाने पर उन्होंने अपनी 1.5 एकड़ जमीन खो दी, जिसके बाद वो घने जंगल के बीच जाकर अपनी कार में रहने लगे।

जंगल में खड़ी है एंबेसडर कार

रिपोर्ट के अनुसार चंद्रशेखर लंबे वक्त से दक्षिण कन्नड़ जिले के सुलिया के पास घने जंगल में जीवन यापन कर रहे हैं। उन तक पहुंचने के लिए जंगल में करीब 3-4 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है, अंदर जाने पर बांस से बंधी हुई एक छोटी प्लास्टिक शीट नजर आती है। जहां उनकी पुरानी एंबेसडर कार भी खड़ी है। खास बात यह है कि उसमें लगा रेडियो अब भी ठीक तरह काम करता है!

सिर्फ सामान के नाम पर है कुछ चीजें!

चंद्रशेखर बेहद दुबले-पतले हैं। वह आधे गंजे हो चुके हैं। बुढ़ापे के कारण शरीर पर झुर्रियां और उनकी हड्डियां भी दिखाई दे जाती हैं। लंबे समय से बाल और दाढ़ी भी नहीं बनाई है, तो वह भी काफी बढ़ चुकी हैं। चंद्रशेखर के पास कपड़ों के दो टुकड़े और एक जोड़ी रबर की चप्पल है। वह जंगल के हिसाब से जीना सीख चुके हैं।

नहीं चुका सके थे बैंक का कर्ज

चंद्रशेखर के पास नेकराल केमराजे गांव में 1.5 एकड़ जमीन थी, जिसमें वे सुपारी की फसल उगाते थे। सब कुछ सामान्य ही चल रहा था। साल 2003 में उन्होंने एक सहकारी बैंक से 40,000 रुपये का कर्ज (एग्रीकल्चर लोन) लिया। कई कोशिश के बाद भी लोन नहीं चूका पाए , जिसके चलते उनकी खेत को नीलामा कर दिया। इस घटना ने चंद्रशेखर को अंदर से तोड़ दिया, जिससे उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई।

बहन के परिवार से हुई थी लड़ाई 

चंद्रशेखर के पास सिर ढकने के लिए घर तक नहीं बचा था। वो अपनी एंबेसडर कार लेकर बहन के घर रहने चले गए। लेकिन कुछ दिन बाद ही बहन के परिवार से झगड़ा हो गया। उन्होंने अकेले रहने का फैसला किया और दूर घने जंगल में रहने चले गए। यहां अपनी फेवरेट एंबेसडर को पार्क किया और उसे धूप व बारिश से बचाने के लिए प्‍लास्टिक की शीट से ढक दिया।

ऐसे करते हैं खाना- पानी का जुगाड़  

चंद्रशेखर 17 साल से कार के अंदर अपना जीवन बसर कर रहे हैं। वो नदी में नहा लेते हैं। जंगल की सूखी बेल से टोकरियां बुनकर उन्हें अदतले (Adtale) गांव की एक दुकान पर बेचते हैं, और बदले में चावल, चीनी और अन्य किराने का सामान खरीद लाते हैं। उनकी बस एक ही इच्छा है कि, उन्हें अपनी जमीन वापस मिल जाए, इसके लिए उन्होंने सभी कागजात को संभलकर रखा हुआ है।