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Published: Dec 08, 2023 07:11 PM IST

Cash For Query'संसद के अंदर-बाहर, गटर में सड़कों पर लड़ूंगी', लोकसभा से निष्कासन के बाद BJP पर जमकर बरसी महुआ मोइत्रा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नई दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ (Cash For Query) के मामले में शुक्रवार को लोकसभा की आचार समिति (Ethics Committee) की रिपोर्ट के आधार पर ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ के लिए सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया। इसके तुरंत बाद विपक्षी सांसद संसद परिसर से वॉकआउट कर गए। मोइत्रा ने सदन के बाहर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह भाजपा के अंत की शुरुआत है।

महुआ मोइत्रा ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह आपके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है।” उन्होंने कहा, “मैं 49 साल की हूं और अगले 30 साल तक मैं आपसे संसद के अंदर और बाहर, गटर में और सड़कों पर लड़ूंगी। हम आपका अंत देखेंगे। यह शुरुआत है आपके अंत के बारे में। हम वापस आने वाले हैं और हम आपका अंत देखने जा रहे हैं।”

अडानी मुद्दे को खत्म कर देंगे

मोइत्रा ने कहा, “अगर इस मोदी सरकार ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे को खत्म कर देंगे। मैं आपको यह बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। वह दर्शाता है कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है और आप एक महिला सांसद को समर्पण करने से रोकने के लिए उसे किस हद तक परेशान करेंगे।”

आचार समिति को हथियार बनाया गया

महुआ ने भाजपा पर विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए आचार समिति को हथियार बनाने का आरोप लगाते हुए कहा, “इस लोकसभा ने एक संसदीय समिति का शस्त्रीकरण भी देखा है। विडंबना यह है कि आचार समिति की स्थापना सदस्यों के लिए नैतिक दिशा-निर्देश के रूप में की गई थी। इसके बजाय, आज वही करने के लिए इसका घोर दुरुपयोग किया जा रहा है जो इसे कभी नहीं करना था। जिसका उद्देश्य विपक्ष को कुचलना और हमें ठोकने एक और हथियार बनना है।”

उन्होंने कहा, “निष्कर्ष पूरी तरह से दो निजी नागरिकों की लिखित गवाही पर आधारित हैं जिनके संस्करण भौतिक दृष्टि से एक-दूसरे के विरोधाभासी हैं, जिनमें से किसी से भी मुझे जिरह करने की अनुमति नहीं दी गई थी। दो निजी नागरिकों में से एक मेरा बिछड़ा हुआ साथी है जो दुर्भावनापूर्ण इरादे से समिति के सामने एक आम नागरिक के रूप में पेश हुआ। मुझे लटका देने के लिए जिन दो गवाहों का इस्तेमाल किया गया है, वे एक-दूसरे के बिल्कुल विपरीत हैं।”