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Published: Sep 22, 2020 12:26 PM IST

राज्यसभाउप सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से 13 बार अपील की थी : नायडू

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली. राज्यसभा (Rajyasabha) के सभापति एम वेंकैया नायडू (Venkiah Naidu) ने मंगलवार को विपक्ष के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि कृषि संबंधी दो विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान मत विभाजन की सदस्यों की मांग पर गौर नहीं किया गया। सभापति नायडू ने कहा कि रविवार को कृषि संबंधी विधेयकों पर विपक्ष के हंगामे के दौरान उप सभापति हरिवंश ने 13 बार सदस्यों से अपनी सीट पर जाने और चर्चा में भाग लेने की अपील की थी।

उन्होंने कहा कि कार्यवाही के रिकार्ड से स्पष्ट है कि उप सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार बार कहा कि वे अपने स्थान पर जाएं और उसके बाद वह मत विभाजन की अनुमति देंगे। नायडू ने कहा कि वह हंगामा करने वाले सदस्यों के निलंबन से खुश नहीं हैं, लेकिन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई उनके आचरण को लेकर हुयी है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब सदन में सदस्य निलंबित किए गए हैं। विगत में ऐसे कई उदाहरण हैं।

उन्होंने हंगामे में कृषि विधेयकों के पारित होने को लेकर विपक्ष की आपत्ति पर कहा कि यह पहला मौका नहीं था जब विधेयक हंगामे में पारित किए गए। इससे पहले सदन में 15 विधेयक हंगामे में पारित किए गए थे। नायडू ने उप सभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र करते हुए एक बार फिर कहा कि यह उचित प्रारूप में नहीं था और इसके लिए 14 दिनों का जरूरी नोटिस भी नहीं दिया गया था।