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Published: Apr 08, 2021 01:47 PM IST

Corona Updatesकोरोना होने के इफेस्ट्स पर रिसर्च में खुलासा, हल्का कोविड-19 होने के आठ महीने बाद भी हर 10 में से एक व्यक्ति पर पड़ रहा दीर्घकालिक प्रभाव

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: कोविड-19 (Covid-19) के हल्के रूप से ग्रस्त होने के आठ महीने बाद हर 10 में से एक व्यक्ति कम से कम एक मध्यम से गंभीर लक्षण से प्रभावित हो रहा है जो उनके काम, सामाजिक या निजी जिंदगी पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला माना जाता है। एक अध्ययन (Research) में यह जानकारी सामने आई है। अध्ययन में पाया गया कि सबसे लंबे दीर्घकालिक लक्षणों में स्वाद एवं सूंघने की क्षमता चले जाना और थकान शामिल है।

स्वीडन की डेंडेरिड हॉस्पिटल और कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट पिछले साल से यह कथित ‘कम्युनिटी’ अध्ययन कर रहा है जिसका मुख्य लक्ष्य कोविड-19 के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता लगाना है। ‘कम्यूनिटी’ अध्ययन की प्रमुख अनुसंधानकर्ता शारलोट थालिन ने कहा, “हमने तुलनात्मक रूप से युवा और काम पर जाने वाले लोगों के स्वस्थ समूह में हल्के कोविड-19 के बाद दीर्घालिक लक्षणों की जांच की और हमने पाया कि स्वाद एवं सूंघने की क्षमता चले जाना प्रमुख दीर्घकालिक लक्षण है।”

थालिन ने कहा, “कोविड-19 से ग्रस्त हो चुके प्रतिभागियों में थकान और सांस संबंधी समस्याएं भी आम हैं लेकिन ये उस हद तक नहीं हैं।” यह अध्ययन ‘जेएएमए’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।