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Published: Oct 16, 2020 03:51 PM ISTदेशSC ने उद्धव सरकार को बर्खास्त करने की मांग कर रही याचिका ठुकराई
नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे (Udhhav Thackrey) के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को बर्खास्त करके राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को विचार करने से इंकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुये कहा कि इस तरह की याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।
यह याचिका विक्रम गहलोत नाम के व्यक्ति ने दायर की थी। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के रूप में आप राष्ट्रपति के पास जाने के लिये स्वतंत्र हैं लेकिन यहां मत आइये।” गहलोत ने याचिका में आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र सरकार राज्य में संविधान और कानून के प्रावधानों के अनुसार काम नहीं कर रही है। याचिका में महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति के उदाहरण के रूप में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत और अभिनेत्री कंगना रनौत की संपत्ति ढहाये जाने की घटनाओं का जिक्र किया गया था। इस याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश दलीलों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और सवाल किया कि कुछ घटनाओं के आधार पर यह कैसे कहा जा सकता है कि राज्य में संविधान का पालन नहीं हो रहा है। पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र एक बड़ा राज्य है।