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Published: Oct 17, 2023 09:45 PM IST

Skill Development Scamचंद्रबाबू नायडू को सुप्रीम कोर्ट से झटका, अंतरिम जमानत देने से किया इनकार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कौशल विकास निगम घोटाला मामले (Skill Development Scam) में तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) को अंतरिम जमानत देने से मंगलवार को इनकार कर दिया और इस मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने नायडू की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा और वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे की अर्जी को स्वीकार नहीं किया जिन्होंने नायडू (73) की उम्र और हिरासत में उनके 40 दिन काटने का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत की मांग की थी। साल्वे ने नायडू को मामले में गलत तरह से फंसाये जाने की दलील दोहराते हुए कहा, “मैंने अतरिम जमानत के लिए अनुरोध किया है। न्यायालय उन्हें छोड़ने पर विचार कर सकता है।”

जमानत अर्जी निचली अदालत में लंबित

नायडू की ओर से ही पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने भी पूर्व मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत दिये जाने की मांग की। आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने नायडू को राहत देने की साल्वे तथा लूथरा की दलील का विरोध किया और कहा कि उनकी जमानत अर्जी निचली अदालत में लंबित है जो इस पर विचार करेगी। पीठ ने लूथरा से कहा कि उसने उच्च न्यायालय के आदेश और नायडू के खिलाफ मामले में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 17ए की प्रासंगिकता को चुनौती देने से संबंधित मुख्य मामले को सुना है और वह फैसला सुरक्षित रख रही है।

फाइबरनेट मामले में अग्रिम जमानत याचिका सूचीबद्ध

नायडू ने दलील दी है कि उनके खिलाफ कौशल विकास निगम घोटाला मामले में सक्षम प्राधिकार की पूर्व अनुमति लिये बिना प्राथमिकी दर्ज की गयी थी और इसलिए उनकी गिरफ्तारी अवैध है। शीर्ष अदालत ने फाइबरनेट मामले में अग्रिम जमानत की नायडू की एक अलग याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। नायडू (73) को 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए कौशल विकास निगम से कथित रूप से धन का गबन करने के मामले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था, जिससे सरकारी खजाने को 371 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया गया। (एजेंसी)