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Published: Nov 25, 2021 04:12 PM IST

Constitution Day 2021आज है 'सविंधान दिवस' जानें इससे जुड़ी कुछ रोचक बातें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: हमारे देश में हर साल 26 नवबंर को ‘संविधान दिवस’ (Constitution Day) मनाया जाता है। कई वर्षों से हम यह दिन मना रहे है। बता दें की इस दिवस को ‘राष्ट्रीय कानून दिवस’ (National Law Day) भी कहा जाता है। सभी भारतियों के लिए यह दिवस बेहद महत्वपूर्ण है। क्यों की इसी दिन हमारे देश में संविधान को स्वीकार किया गया था। आज संविधान दिवस के अवसर पर जानते है इससे जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें…. 

26 नवंबर क्यों मनाते है ‘सविंधान दिवस’

दरअसल 26 जनवरी 1950 के दिन (Republic Day of India) भारत का संविधान लागू हुआ था, लेकिन उससे दो महीने पहले 26 नवंबर 1949 को संविधान बनाने वाली सभा (Constitution Assembly) ने कई चर्चाओं और संशोधनों के बाद आखिरकार संविधान को अंगीकार किया था। 

जानें क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस

इस दिन को मनाने का एक खास उद्देश्य है। दरअसल देश के संविधान के बारे में नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाने और संवैधानिक मूल्यों का प्रचार करने के लिए संविधान दिवस मनाने का फैसला किया गया था। इस दिन भारत ने अपने संविधान को अडॉप्ट किया था इसलिए सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को यह फैसला लिया था कि 26 नवंबर को भारत सरकार संविधान दिवस के रूप में मनाए जाने की परंपरा शुरू करेगी। 

आज के दिन कानून दिवस 

आज के दिन यानी 26 नवंबर को पहले कानून दिवस के तौर पर मनाया जाता रहा। और इसके पीछे की कहानी यह है कि 1930 में कांग्रेस लाहौर सम्मेलन में पूर्ण स्वराज की प्रतिज्ञा को पास किया गया था, इसी घटना की याद में कानून दिवस मनाया जाता रहा। अब ज़रा संविधान दिवस के इतिहास को भी जानते हैं।

 

संविधान और उसका महत्व

संविधान दिवस का असल मकसद इसके निर्माताओं में शुमार और देश के पहले कानून मंत्री रहे डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि देना ही रहा. भारत का संविधान असल में उन सिद्धांतों और दृष्टांतों का लेखा जोखा है, जिनके आधार पर देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक राजनीतिक सिद्धांत, प्रक्रियाएं, अधिकार, दिशा निर्देश, प्रतिबंध और कर्तव्य आदि तय होते हैं। 

 ‘सविंधान दिवस’ से जुड़ी रोचक बातें 

1. 9 दिसंबर 1946 : संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा ने पहली मुलाकात की थी.

2. संविधान अंग्रेज़ी और हिंदी में लिखा गया. अंग्रेज़ी में हस्तलिखित मूल ​संविधान में कुल 1,17,369 शब्दों में 444 आर्टिकल, 12 शेड्यूल        और 115 संशोधन लिखे गए.

3. अंग्रेज़ी भाषा में इसे सुंदर कैलिग्राफी में हाथ से लिखने का प्रेमबिहारी नारायण रायज़ादा ने 6 महीनों में किया था. जबकि हिंदी भाषा में      वसंत कृष्ण वैद्य ने हाथ से लिखा था. नंदलाल बोस ने संविधान के पन्नों पर चित्रांकन किया था.

4. संविधान की ये ओरिजनल हस्तलिखित कॉपियां संसद भवन की लाइब्रेरी में एक खास हीलियम केस में रखी गई हैं.

5.  संविधान के पहले ड्राफ्ट में 2000 से ज़्यादा संशोधन किए गए थे और फाइनल ड्राफ्ट 26 नवंबर 1949 को तैयार हुआ था.

6. जनवरी 2019 तक भारत के संविधान में कुल 103 संशोधन किए गए जबकि संविधान लागू होने के पहले 62 वर्षों में सिर्फ 94 संशोधन हुए थे.

7. 24 जनवरी 1950 : संविधान सभा ने हाथ से लिखी गई संविधान के दो कॉपियों पर संसद भवन के सेंट्रल हॉल में दस्तखत किए थे.