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Published: Dec 05, 2022 04:53 PM IST

Mahaparinirvan Diwas 2022आज है डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस, जानें उनसे जुड़ी कई रोचक बातें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: दुनिया में कुछ दिन ऐसे होते है जो इतिहास के पन्नों में बड़े ही सुनहरे अक्षरों में लिखे जाते है, उन्ही में से एक है महापरिनिर्वाण दिवस। जिसे बड़े उत्साह के साथ पुरे देश में मनाया जाता है। आज भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर (डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर) की 65वीं पुण्यतिथि है। आपको बता दें कि उनका महापरिनिर्वाण (निधन) 6 दिसंबर 1956 को हुआ था। वे अष्टपैलू व्यक्तित्व थे जिन्हे कभी नहीं भुला जा सकता, वे भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे।

आदर्श व्यक्तित्व डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर

इस बात से कोई अनजान नहीं है कि उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे। उन्‍होंने अपना पूरा जीवन जातिवाद को खत्म करने और गरीबों, दलितों, पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए अर्पित किया। इसलिए आज के दिन उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

क्या है ‘महापरिनिर्वाण’ दिन 

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर एक बौद्ध गुरु थे, इसलिए उनकी पुण्यतिथि के लिए बौद्ध अवधारणा में ‘महापरिनिर्वाण’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर पूरे भारत के लाखों लोग 1 दिसंबर से मुंबई में चैत्यभूमि उनकी समाधि पर आते हैं। यहां 25 लाख से अधिक भीम अनुयायी इकट्ठा होते हैं और चैत्यभूमि स्तूप में रखे आंबेडकर के अस्थि कलश और प्रतिमा को श्रद्धांजलि देते हैं। इस दिन भारत और दुनिया भर से आंबेडकरवादी उनकी प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि देते हैं।