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Published: Mar 12, 2024 11:55 AM IST

CAA Rules Notificationजानें क्यों हो रहा CAA का विरोध और समर्थन, इन 10 प्वाइंट्स में समझिए इसकी असली 'हक़ीक़त'

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: आखिरकार लोकसभा चुनावों (Loksabha Elections 2024) की आहात के बीच, बीते सोमवार को नोटिफिकेशन जारी होते ही देशभर में CAA का कानून लागू हो गया। जहां इस मुद्दे पर एक तरफ सत्ता पक्ष इसे लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष एक स्वर में इसके खिलाफ बोल रही है। हालंकि इस बाबत मोदी सरकार का पहले ही कहना था कि, CAA के नियम 2024 के चुनाव से पहले लागू कर दिए जाएंगे।

आखिर क्या है CAA?

जानकारी दें कि, CAA कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को यहां पांच वर्ष निवास करने के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है।

क्यों हो रहा CAA का समर्थन 

जानें क्यों हो रहा CAA का विरोध 

लोकसभा चुनाव के पहले ही क्यों हुआ CAA लागू

देखा जाए तो लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले इसे अमल में लाकर BJP नीत केंद्र सरकार को चुनाव के समय मुसलमान वोटों के विरुद्ध हिंदुओं के वोट BJP के खाते में आएंगे। वह इसीलिए क्योंकि इस कानून पर अमल की अधिसूचना जारी होने से मुस्लिम समुदाय अब अलग-थलग पड़ चूका है। यही अकेला समुदाय है, जिसके अवैध अप्रवासी अब भारत के नागरिक नहीं बन पाएंगे, जबकि इन देशों के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग इसका लाभ उठा लेंगे। हालाँकि आज से ठीक साढ़े 4 साल पहले मोदी सरकार-2 ने संसद में इसे पारित तो करवा लिया था, लेकिन भारी विरोध के चलते तब इसे अमल में नहीं लाया गया था। लेकिन अब इस फिर अमल पर लाया गया है।