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Published: Feb 03, 2023 03:00 PM IST

Brain tumor मूत्र की जांच से भी पता लगाया जा सकता है ब्रेन ट्यूमर, पढ़े पूरी खबर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

तोक्यो: वैज्ञानिकों ने मूत्र में एक प्रमुख झिल्ली प्रोटीन की पहचान करने के लिए एक नए उपकरण का इस्तेमाल किया है जिससे यह पता चलता है कि मरीज को मस्तिष्क का ट्यूमर है या नहीं। झिल्ली प्रोटीन ऐसे प्रोटीन होते हैं जिनसे या तो जैवझिल्लियाँ निर्मित होती हैं या जो इन जैव झिल्लियों से जुड़ने या आर-पार जाने में सक्षम होते हैं। अध्ययन के अनुसार, मस्तिष्क के कैंसर का पता लगाने में इस्तेमाल होने वाले प्रोटीन से ट्यूमर का पता लगाने के लिए आवश्यक आक्रामक जांच की आवश्यकता कम हो सकती है और ट्यूमर के शुरुआती स्तर पर ही पता चलने की संभावना बढ़ सकती है ताकि उसे सर्जरी से हटाया जा सके।

अध्ययन में कहा गया है कि जापान के नगोया विश्वविद्यालय के इस अनुसंधान का अन्य प्रकार के कैंसर का पता लगाने के लिए संभावित असर हो सकता है। यह अध्ययन पत्रिका ‘एसीएस नैनो’ में प्रकाशित हुआ है। हाल फिलहाल में कई प्रकार के कैंसर का शुरुआती स्तर पर पता चलने से कैंसर पीड़ितों के बचने की संभावना बढ़ गयी है। हालांकि, ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित लोगों के जीवित बचने की दर में पिछले करीब 20 साल से कोई बदलाव नहीं आया है।

इसकी मुख्य वजह संभावित रूप से देर से पता चलना हो सकती है। अध्ययन के अनुसार, किसी व्यक्ति के ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने का संभावित संकेत उनके मूत्र में ट्यूमर से संबंधित बाह्य कोशिका (ईवी) की उपस्थिति है। इसमें कहा गया है कि ईवी सूक्ष्म आकार की कोशिका होती हैं जो कोशिका से कोशिका के बीच संचार समेत कई कार्यों में शामिल होती हैं। चूंकि ब्रेन कैंसर के मरीजों में पाए जाने वाले इन ईवी में विशेष प्रकार के आरएनए और झिल्ली प्रोटीन होते हैं तो इनका इस्तेमाल कैंसर का पता लगाने में किया जा सकता है। (एजेंसी)