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Published: Sep 20, 2022 05:01 PM ISTWorld Alzheimer's Day 2022‘विश्व अल्जाइमर्स दिवस' पर जानें इस 'डे' को मनाने की वजह और इस रोग का इलाज
नई दिल्ली : दुनिया में ऐसे कई रोग है, जिसकी वजह से उस रोगी की जिंदगी बदल जाती है। कुछ लोग तो जीने की उम्मीद भी छोड़ देते है. लेकिन इन्हीं में से कुछ रोग ऐसे है जिसका इलाज हो सकता है। बस इस बात को लेकर लोगों में जागरूकता लाना जरूरी है। इसलिए हर साल पुरे विश्व भर में 21 सितंबर को ‘विश्व अल्जाइमर्स दिवस’ (World Alzheimer’s Day) मनाया जाता है। जैसा की हमने आपको बताया इस दिन को मनाने का एक मुख्य उद्देश्य है।
डिमेंशिया या अल्जाइमर यह एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति के सोचने और समझने की शक्ति कम कर देती है। अल्जाइमर्स एसोसिएशन के वेबसाइट के अनुसार, पूरे विश्व भर में करीब 5 करोड़ अल्जाइमर (डिमेंशिया) के मरीज है। वहीं भारत में 40 लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से जूझ रहे है। आज ‘विश्व अल्जाइमर्स दिवस’ है तो चलिए जानते है इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी…
‘विश्व अल्जाइमर्स दिवस’ का उद्देश्य
21 सितंबर को पुरे विश्व भर में यह दिन मनाया जाता है। ‘विश्व अल्जाइमर्स दिवस’ इस दिन को मनाने का खास और बेहद महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इस दिन अल्जाइमर की गंभीर बिमारी को लेकर लोगों में जागरूकता फ़ैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
जानें क्या है अल्जाइमर्स रोग
बात जानना बेहद जरुरी है की आखिर अल्जाइमर्स रोग क्या होता है। अल्जाइमर्स रोग की बीमारी अधिकतर 60 वर्ष की उम्र के बाद ज़्यादा होते देखा गया है। यह रोग बुज़ुर्गों के अलावा युवाओं में भी देखा जा रहा है। लेकिन आमतौर पर ऐसा कम ही होता है कि कोई युवा इसका शिकार हुआ हो। इस रोग से जूझ रहे व्यक्ति अपनी याददाश्त को खोने लगते हैं, साथ ही सोचने की भी शक्ति कम होने लगती है।
अल्जाइमर के लक्षण
- -स्वभाव में परिवर्तन।
- -हाल-फ़िलहाल की जानकारी भूल जाना।
- -तारीख एवं समय की जानकारी रखने में परेशानी।
- -चीजों को गलत स्थान पर रख देना।
- -समस्याओं को सुलझाने में परेशानी।
- -घर या कार्यस्थल पर परिचित कार्यों को पूरा करने में कठिनाई।
- -समय या स्थान को लेकर भ्रम होना।
- -बोलने-लिखने में परेशानी।
- -मूड और पर्सनालिटी बदलना।
- -डिप्रेशन, कंफ्यूज रहना, थकान और मन में डर रहना।
- -सामाजिक एवं मनोरंजक गतिविधियों से दूर रहना।
अल्जाइमर का इलाज
आपको बता दें कि अल्जाइमर की बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं हो सकती। लेकिन मरीज़ के जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है। ऐसी कई दवाएं हैं, जिनके द्वारा मरीज़ के व्यवहार में सुधार लाया जा सकता है। यह दवाएं डॉक्टर द्वारा ही मरीज को दी जाती हैं, जो दिमाग में न्यूरो ट्रांसमीटर्स बढ़ा देती हैं।
करंट बायोलॉजी जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक डिमेंशिया से बचने का अच्छा तरीका गहरी और ज़्यादा नींद हो सकती है। इस स्टडी का नेतृत्व यूसी बर्कले के न्यूरो साइंटिस्ट मैथ्यू वॉकर और जोसेफ वीनर ने किया था। ‘विश्व अल्जाइमर्स दिवस’ पर इस बीमारी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी सभी लोगों तक पहुंचना बेहद जरुरी है।