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Published: Sep 01, 2021 06:00 AM IST

National Nutrition Week 2021जानें क्यों मनाया जाता है “विश्व पोषाहार दिवस”और इसका इतिहास

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: हमारे जीवन में बेहतर सेहत के लिए अच्छा पोषाहार लेना बेहद जरूरी है। स्वस्थ रहने के लिए खानपान पर ध्यान देना आवश्यक होता है। इस विषय का महत्व समझते हुए हर साल ”विश्व पोषाहार दिवस” मनाया जाता है। यह दिवस हर साल सितंबर महीने की 1 तारीख से लेकर 7 तारीख तक मनाया जाता है। तो चलिए ”विश्व पोषाहार दिवस” के मौके पर इससे जुड़ी अहम जानकारी जानते है…. 

“विश्व पोषाहार दिवस” का उद्देश्य  

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के खाने-पीने से लेकर स्वास्थ्य संबधी जागरूकता को फैलाना है। वैज्ञानिकों के अनुसार आवश्यक आहार स्वास्थ्य और विकास का मुख्य केन्द्र पोषण है। पोषण से आपको शारीरिक, मानसिक शक्ति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है। सही मात्रा में पोषण होने से हम स्वस्थ एवं तंदुरुस्त महसूस करते हैं। 

“विश्व पोषाहार दिवस” का महत्व 

एक अच्छा पोषण अगर जन्म के बाद से ही मिलने लगे तो वृद्धावस्था में हम स्वास्थ्य एवं बीमारियों से दूर रहते हैं। पोषण में जन्म से बच्चे को मां का दूध, निरंतर सही खाना और वातावरण देने से बच्चे को कुपोषण के शिकार से बचाया जा सकता है। अच्छा भोजन, साफ-सफाई, सब्जियों को सही तरीके से काटना एवं धोना, अल्पाहार के सेवन से बचना, मादक पदार्थों के सेवन से बचना, कच्चे फल एवं कच्ची सब्जियों का सेवन करना इत्यादि एक अच्छे पोषण के तरीके हैं, जो हर व्यक्ति को हजारों बीमारियों से दूर रखते हैं। 

“विश्व पोषाहार दिवस” का इतिहास

पोषण शिक्षा के द्वारा अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1982 में केन्द्रीय सरकार द्वारा पहली बार इस अभियान की शुरुआत की गई थी। राष्ट्रीय विकास के लिये मुख्य रुकावट के रूप में कुपोषण है। इसी लक्ष्य के साथ लोगों को बढ़ावा देने के लिए खाद्य और पोषण बोर्ड की 43 इकाई पूरे देश में कुशलता से कार्य कर रही है। पैदा हुए नवजात शिशु को एक बड़े स्तर की प्रतिरक्षा और स्वस्थ जीवन उपलब्ध कराने के लिये 6 महीनों तक माँ का दूध या नवदुग्ध पिलाने वाली माँ को बहुत प्रोत्साहित किया जाता है।   

राष्ट्रीय पोषाहार सप्ताह का लक्ष्य