धर्म-अध्यात्म

Published: Dec 08, 2021 06:39 PM IST

Champa Shashti 2021'चंपा षष्ठी' के दिन करें यह काम, जानिए इसकी महिमा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-सीमा कुमारी

‘चंपा षष्ठी’ (Champa Shashti) का पावन पर्व हर साल मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। भगवान शिव के अवतार खंडोबा को समर्पित ‘चंपा षष्ठी’ हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए ख़ास महत्व रखता है। इस साल यह पर्व 9 दिसंबर, यानी गुरुवार के दिन है। ये पर्व कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों का प्रमुख त्यौहार है।  

यह त्योहार भगवान शिव के अवतार खंडोबा को समर्पित है। खंडोबा को किसानों का मुख्य देवता माना जाता है। दक्षिण भारत में इस पर्व को भगवान कार्तिकेय की पूजा के साथ मनाया जाता है। भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव के पुत्र हैं। भगवान कार्तिकेय इस तिथि को देवताओं की सेना के सेनापति बने थे। भगवान कार्तिकेय को चम्पा के फूल पसंद हैं। इस कारण इस दिन को चंपा षष्ठी कहा जाता है।

‘चंपा षष्ठी’ व्रत से जीवन में खुशियां बनी रहती हैं। मान्यता है कि भगवान कार्तिकेय ने इसी तिथि पर तारकासुर का वध किया था और देवताओं को असुरों के आतंक से मुक्त कराया था। चंपा षष्ठी का व्रत संतान के उज्ज्वल भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। इस दिन किए व्रत से संतान को बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान शिव के साथ भगवान गणेश, माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय और नंदी की पूजा करें। इस दिन शिवलिंग पर जल अर्पण करने के बाद बैंगन और बाजरा भी अर्पित किया जाता है।

इस कारण इसे बैंगन छठ के रूप में मनाया जाता है। जो भक्त सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ का ध्यान कर पूजा करता है उसके सभी बिगड़े काम बन जाते हैं और घर में खुशियां आती हैं। इस दिन शिव चालीसा का पाठ करें। जरूरतमंदों को दान करें। शिव मंदिर में भगवान कार्तिकेय को नीला वस्त्र अर्पित करें, इससे मान सम्मान की प्राप्ति होती है। शिवलिंग पर बैंगन व बाजरा चढ़ाकर गरीबों में बांटे, ऐसा करने से शत्रुओं से रक्षा होती है। इस व्रत में रात्रि में भूमि पर शयन करना चाहिए। इस दिन तेल का सेवन नहीं करना चाहिए।