धर्म-अध्यात्म

Published: Nov 08, 2021 06:29 PM IST

Chhath Puja 2021कुंडली में अगर है 'सूर्यदोष', तो छठ के दिन बहते जल में यह धातु करें प्रवाहित

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-सीमा कुमारी

आस्था का महापर्व छठ (Chhath Puja) हर साल बिहार और झारखंड के अलावा मुंबई, कोलकाता और समूचे भारत के कई प्रदेशों और विदेशों में भी बड़ी धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। कठिन नियम-निष्ठा के कारण छठ को सबसे बड़ा पर्व माना गया है। यह महापर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है।

इस त्योहार पर ‘छठी मैया’ और सूर्यदेव की उपासना की जाती है। छठ (Chhath) के त्योहार पर महिलाएं परिवार की सुख-समृद्धि और सुहाग व संतान की लंबी उम्र की कामना के साथ 36 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ,इस अवसर पर भगवान की पूजा करने के साथ कुछ खास उपाय करने से ‘सूर्यदोष’ से मुक्ति और शुभफल की प्राप्ति होती है। चलिए जानें उन उपायों के बारे में –

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, छठ पर्व पर सूर्यदेव की कृपा पाने के लिए सुबह जल्दी से नहाकर साफ कपड़े पहनें। अब सूर्यदेव को अर्घ्य दें। उसके बाद गुड़ और कच्चे चावल लेकर उसे चलते हुए जल में बहा दें। इसके साथ ही पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाएं। इस उपाय से आप पर भगवान सूर्यदेव की कृपा बनी रहेगी।

कहते हैं कि, छठ पूजा में तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा लेकर उसे बहते जल में प्रवाहित कर दें। मान्यता है कि इस उपाय से कुंडली में ‘सूर्यदोष’ कम होने में मदद मिलती है।

छठ पूजा (Chhath Puja) के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। फिर घर की पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठ जाएं। अपने ठीक सामने चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर ऊपर सूर्यदेव का चित्र बनाएं। आप बाजार से उनकी प्रतिमा या चित्र लाकर भी लगा सकते हैं। फिर भगवान सूर्य की पंचोपचार पूजा करके उन्हें गुड़ का भोग लगाएं। सूर्यदेव को लाल रंग अतिप्रिय है, इसलिए पूजा में लाल फूलों का प्रयोग करें। इसके बाद लाल चंदन की माला से ‘ऊं भास्कराय नम:’ का करीब 5 माला जप करें।