धर्म-अध्यात्म

Published: Jul 23, 2022 06:19 PM IST

Kamika Ekadashi 2022'कामिका एकादशी' के दिन भगवान विष्णु को चढ़ाएं 'इस' पौधे की मंजरी, मिलेगी नारायण की कृपा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
File photo

-सीमा कुमारी

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस वर्ष सावन महीने की पहली एकादशी यानी ‘कामिका एकादशी’ (Kamika Ekadashi) 24 जुलाई दिन रविवार को है।

मान्यता है कि, एकादशी व्रत उपासना करने से न केवल श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती है, बल्कि मरणोंपरांत मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।

इसके लिए एकादशी तिथि को भगवान श्रीहरि विष्णुजी की विधि और श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत के कई कठोर नियम हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। वहीं, कामिका एकादशी को तुलसी की मंजरियों से विष्णुजी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। आइए जानें इस बारे में –

तुलसी की मंजरियों से इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा

‘कामिका एकादशी’ (Kamika Ekadashi) के दिन तुलसी की मंजरियों (Tulsi Manjari) से भगवान विष्णु की पूजा बेहद शुभ और पुण्यदायी मानी गई है। मान्यता है कि इस दिन तुलसी की मंजरियों से भगवान श्रीहरि की पूजा करने से जन्म-जन्मांतर के समस्त पापों का नाश हो जाता है।  इसके अलावा, इस दिन तुलसी की मंजरियों को भगवान विष्णु के चरणों में चढ़ा देने से मोक्ष भी प्राप्त होता है। 

इस बारे में धर्मग्रंथों में कहा गया है “या दृष्टा निखिलाघसंघशमनी स्पृष्टा वपुष्पावनी। रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्तान्तकत्रासिनी, प्रत्यासात्तिविधायनी भगवत: कृष्णस्य संरोपिता। न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नम:।।’

इस दिन भगवान विष्णु के सामने तिल या घी का दीपक जलना अच्छा होता है। इसे दिन-रात जलाना चाहिए। कहा जाता है कि, ऐसा करने से देवता और पितर दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

जो लोग ‘कामिका एकादशी’ का व्रत (Kamika Ekadashi Vrat) नहीं रख सकते, उन्हें इस दिन खान-पान और व्यवहार में पूरी संयम बरतनी चाहिए। इस दिन चावल का सेवन करना निषेध माना गया है। ऐसे में जो व्रत नहीं भी रखते हैं, उन्हें भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए।