धर्म-अध्यात्म
Published: Jan 13, 2022 05:08 PM ISTPongal 2022आज से शुरू हुआ पोंगल, जानें चार दिन मनाए जाने वाले इस त्योहार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
नई दिल्ली: हमारे देश में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है पोंगल, जी हां साल की शुरुआत में पोंगल का यह त्योहार आता है जो 4 दिनों तक चलता है। आपको बता दें कि इस त्योहार को दक्षिण भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। वही दूसरी और उत्तर भारत में मकर संक्रांति मनाई जाती है, जिसमें सूर्य उत्तरायण करते हैं।
आपको बता दें कि यह दोनों त्योहार अच्छी फसल की मनोकामना के लिए मनाया जाता है। इसका पहला दिन भोगी पोंगल के नाम से जाना जाता है, जो इंद्र देव को समर्पित होता है और उनसे अच्छी फसल और बारिश की कामना की जाती है। चार दिन के भिन्न-भिन्न पोंगल होते है आइए जानते है….
पोंगल का शुभ मुहूर्त
आपको बता दें कि पंचांग के अनुसार, 14 जनवरी को पोंगल मनाया जाएगा। ज्योतिषियों का कहना है कि पहले दिन पोंगल की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 2 बजकर 12 मिनट से शुरू है। इस समय से आप पूजा की शुरुआत कर सकते है।
ऐसे मनाया जाता है पोंगल
जैसा की हमने आपको बताया है कि यह त्योहार 4 दिनों तक चलता है और इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं और सभी लोग अपने परिवार के साथ मिलकर पूजा करते हैं। लोहड़ी की तरह की पोंगल की पूजा में भी अच्छी बारिश और फसल की प्रार्थना की जाती है। अब जानते है पोंगल के भिन्न प्रकार..
1. भोगी पोंगल
इस दिन इंद्र देव की पूजा होती है और कटी हुई फसल की इंडियों को जलाया जाता है। साथ ही लोग प्रार्थना करते हैं कि फसल अच्छी हो।
2. थाई पोंगल
थाई पोंगल में सूर्य देव की पूजा की जाती है और यह पोंगल का दूसरा दिन होता है।
3. मट्टू पोंगल
बता दें कि मट्टू पोंगल को तीसरे दिन मनाया जाता है और सभी लोग परिवार के साथ मिलकर बैल और पशुधन की पूजा करते हैं।
4. कन्या पोंगल
इस दिन की रस्म को कन्नुम या कानु के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन हल्दी के पत्ते पर सुपारी और गन्ने को रख कर। खुले में पकवान बनाया जाता है. यह पकवान चावल, दूध,घी, शक्कर से बनता है और इसका भोग सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। .