Dev Uthani Ekadashi 2022
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    -सीमा कुमारी

    सनातन हिन्दू धर्म में ‘एकादशी व्रत’ (Ekadashi Vrat) का विशेष महत्व है। वैसे तो साल भर में कई व्रत किए जाते हैं। सभी व्रतों में एकादशी के व्रत को उत्तम और श्रेष्ठ फलदायी बताया जाता है। ‘एकादशी तिथि’ जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इसलिए कहा जाता है कि इस व्रत को करने से श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही जातक के सभी पापों का नाश भी होता है और उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है, फिर मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है।

    एकादशी व्रत के नियम दशमी तिथि से ही आरंभ हो जाते हैं और एकादशी का व्रत रखने के बाद इसका ‘पारण द्वादशी’ तिथि को सूर्योदय के बाद किया जाता है। यह व्रत पितरों का उद्धार करने वाला माना भी जाता है। लेकिन इस व्रत का पूर्ण फल तभी मिलता है, जब विधिपूर्वक और नियमों का पालन करते हुए को किया जाए। अगर आप नए साल यानी 2022 में एकादशी व्रत करने की सोच रहे हैं, तो आइए जानें साल 2022 में कब-कब है एकादशी का शुभ दिन ?

    13 जनवरी, 2022 को ‘पौष पुत्रदा एकादशी’ है। ‘पौष पुत्रदा एकादशी’ की तिथि 12 जनवरी को शाम में 04 बजकर 49 मिनट पर शुरू होकर 13 जनवरी को शाम में 7 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी।

    28 जनवरी, 2022 को ‘षट्तिला एकादशी’ है। ‘षट्तिला एकादशी’ की तिथि 28 जनवरी को देर रात 02 बजकर 16 मिनट पर शुरू होकर 28 जनवरी को रात्रि में 11 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी।

    12 फरवरी, 2022 को ‘जया एकादशी’ (Jaya Ekadashi) है। ‘जया एकादशी’ की तिथि 11 फरवरी को दोपहर में 01 बजकर 52 मिनट पर शुरू होकर 12 जनवरी को शाम में 4 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी।

    26 फरवरी, 2022 को ‘विजया एकादशी’ (Vijaya Ekadashi) है। ‘विजया एकादशी’ की तिथि 26 फरवरी को सुबह में 10 बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर 27 फरवरी को सुबह में 8 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी।

    14 मार्च, 2022 को ‘आमलकी एकादशी’ (Amalki Ekadashi) है। ‘आमलकी एकादशी’ की तिथि 13 मार्च को सुबह में 10 बजकर 21 मिनट पर शुरू होकर 14 मार्च को दोपहर में 12 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी।

    28 मार्च, 2022 को ‘पापमोचिनी एकादशी’ (Paapmochani Ekadashi) है। ‘पापमोचिनी एकादशी’ की तिथि 27 मार्च को शाम में 6 बजकर 4 मिनट पर शुरू होकर 28 मार्च को शाम में 4 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी।

    12 अप्रैल, 2022 को ‘कामदा एकादशी’ (Kamda Ekadashi) है। ‘कामदा एकादशी’ की तिथि 12 अप्रैल को सुबह में 4 बजकर 30 मिनट पर शुरू होकर 13 अप्रैल को सुबह में 5 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगी।

    26 अप्रैल, 2022 को ‘वरुथिनी एकादशी’ (Varuthini Ekadashi) है। ‘वरुथिनी एकादशी’ की तिथि 26 अप्रैल को देर रात 1 बजकर 37 मिनट पर शुरू होकर 27 अप्रैल को देर रात 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी।

    12 मई, 2022 को ‘मोहिनी एकादशी’ (Mohini Ekadashi) है। ‘मोहिनी एकादशी’ की तिथि 11 मई को शाम में 7 बजकर 31 मिनट पर शुरू होकर 12 मई को शाम में 6 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी।

    26 मई, 2022 को ‘अपरा एकादशी’ (Apara Ekadashi) है। ‘अपरा एकादशी’ की तिथि 25 मई को सुबह में 10 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर 26 मई को सुबह में 10 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी।

    10 जून, 2022 को ‘निर्जला एकादशी’ (Nirjala Ekadashi) है। ‘निर्जला एकादशी’ की तिथि 10 जून को सुबह में 7 बजकर 25 मिनट पर शुरू होकर 11 जून को सुबह में 5 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी।

    24 जून, 2022 को ‘योगिनी एकादशी’ (Yogini Ekadashi) है। ‘योगिनी एकादशी’ की तिथि 23 जून को रात में 9 बजकर 41 मिनट पर शुरू होकर 24 जून को रात में 11 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी।

    10 जुलाई, 2022 को ‘देवशयनी एकादशी’ (Devshayani Ekadashi) है। ‘देवशयनी एकादशी’ की तिथि 9 जुलाई को शाम में 4 बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर 10 जुलाई को दोपहर में 2 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी।

    24 जुलाई, 2022 को ‘कामिका एकादशी’ (Kamika Ekadashi) है। ‘कामिका एकादशी’ की तिथि 23 जुलाई को सुबह में 11 बजकर 27 मिनट पर शुरू होकर 24 जुलाई को दोपहर में 1 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी।

    08 अगस्त, 2022 को ‘श्रावण पुत्रदा एकादशी’ (Shravana Putrada Ekadashi) है। ‘श्रावण पुत्रदा एकादशी’ की तिथि 7 अगस्त को रात में 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होकर 8 अगस्त को शाम में 9 बजे समाप्त होगी।

    23 अगस्त, 2022 को ‘अजा एकादशी’ (Aja Ekadashi) है। ‘अजा एकादशी’ की तिथि 22 अगस्त को देर रात में 3 बजकर 35 मिनट पर शुरू होकर 23 अगस्त को सुबह में 6 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी।

    06 सितम्बर, 2022 को ‘पदमा एकादशी’ (Padma Ekadashi) है। ‘पदमा एकादशी’ की तिथि 06 सितम्बर को सुबह में 5 बजकर 54 मिनट पर शुरू होकर 07 सितम्बर को देर रात 3 बजकर 4 मिनट पर समाप्त होगी।

    21 सितम्बर, 2022 को ‘इंदिरा एकादशी’ (Indira Ekadashi) है। ‘इंदिरा एकादशी’ की तिथि 20 सितम्बर को शाम में 9 बजकर 26 मिनट पर शुरू होकर 21 सितम्बर को देर रात 11 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी।

    06 अक्टूबर, 2022 को ‘पापाकुंशा एकादशी’ (Papakunsha Ekadashi) है। ‘पापाकुंशा एकादशी’ की तिथि 5 अक्टूबर को दिन में 12 बजे से शुरू होकर 06 अक्टूबर को सुबह में 9 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी।

    21 अक्टूबर, 2022 को ‘रमा एकादशी’ (Rama Ekadashi) है। ‘रमा एकादशी’ की तिथि 20 अक्टूबर को शाम में 4 बजकर 4 मिनट पर शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम में 5 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी।

    04 नवंबर, 2022 को ‘देवउठनी एकादशी’ (Devauthani Ekadashi) है। ‘देवउठनी एकादशी’ की तिथि 3 नवंबर को शाम में 7 बजकर 30 मिनट पर शुरू होकर 04 नवंबर को शाम में 6 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी।

    20 नवंबर, 2022 को ‘उत्पन्ना एकादशी’ (Utpanna Ekadashi) है। ‘उत्पन्ना एकादशी’ की तिथि 19 नवंबर को सुबह में 10 बजकर 29 मिनट पर शुरू होकर 20 नवंबर को सुबह में 10 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी।

    03 दिसंबर, 2022 को ‘मोक्षदा एकादशी’ (Mokshada Ekadashi) है। ‘मोक्षदा एकादशी’ की तिथि 03 दिसंबर को सुबह में 5 बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर 04 दिसंबर को सुबह में 5 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी।

    19 दिसंबर, 2022 को ‘सफला एकादशी’ (Safala Ekadashi) है। ‘सफला एकादशी’ की तिथि 19 दिसंबर को देर रात 3 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर 20 दिसंबर को देर रात 2 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी।
     
    गौरतलब है कि, शास्त्रों में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व बताया गया है।  क्योंकि, इससे न सिर्फ व्यक्ति के पापों का नाश होता है, बल्कि इस व्रत के प्रभाव से पितरों को भी स्वर्ग की प्राप्ति होती है। हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशियों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। और उनकी कथाएं भी अलग-अलग है।

    इस व्रत के नियम दशमी तिथि से शुरू हो जाते हैं और एकादशी के दिन सूर्योदय से अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को सूर्योदय तक यह व्रत रखा जाता है, फिर ब्राह्मणों को भोजन कराने और उन्हें दक्षिणा देने के बाद इस व्रत का पारण किया जाता है।