धर्म-अध्यात्म

Published: Dec 04, 2021 11:31 AM IST

Shanishchari Amavasya 2021'शनैश्चरी अमावस्या' की महिमा है अपरंपार, शनिदोष से मुक्ति के लिए करें ये काम

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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-सीमा कुमारी

सनातन हिन्दू धर्म में ‘अमावस्या’ का बड़ा महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि यह सोमवार, मंगलवार या शनिवार को होता है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस साल मार्गशीर्ष यानि, अगहन महीने की ‘अमावस्या’ 4 दिसंबर, शनिवार के दिन है।

शास्त्र के अनुसार, शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को ‘शनिचरी अमावस्या’ कहा जाता है। इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा उपासना करने का विशेष विधान है।

शनिवार का दिन न्याय के देवता शनि देव की पूजा के लिए समर्पित है। ‘शनि अमावस्या’ के दिन आप स्नान, दान के बाद कुंडली में व्याप्त शनि दोष (Shani Dosh) के निवारण के लिए ज्योतिष उपाय कर सकते हैं। शनिदेव की कृपा से आपको शनि पीड़ा से राहत मिल सकती है और वे आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति भी कर सकते हैं। शनि की दृष्टि से स्वयं देव भी नहीं बच पाते हैं। आइए जानें ‘शनैश्चरी अमावस्या’ के दिन ‘शनि दोष’ से मुक्ति के लिए क्या उपाय कर सकते हैं –

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, हनुमान जी के भक्तों को शनिदेव कभी परेशान नहीं करते हैं। ऐसे में आप ‘शनैश्चरी अमावस्या’ को हनुमान जी को चमेली के तेल वाला दीपक दान करें एवं सिंदूर का चोला भी अर्पित करें।

ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, ‘शनैश्चरी अमावस्या’ के दिन स्नान आदि से निवृत होने के बाद व्रत रखें और शनिदेव की विधिपूर्वक पूजा करें। उनका सरसों के तेल एवं काले तिल से अभिषेक करें। शनि मंदिर जाकर उनके दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करें। फिर उनसे शनि दोष से मुक्ति के लिए आराधना करें।

‘शनैश्चरी अमावस्या’ के दिन काले कुत्ते को सरसों तेल लगी रोटी खिला सकते हैं और कौवों को खाना खिला सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

गरीबों की सेवा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। ‘शनैश्चरी अमावस्या’ के दिन आप पूजा के बाद गरीबों को काला तिल, वस्त्र, उड़द की दाल, जूते-चप्पल, कंबल आदि का दान कर सकते हैं।

शनि-दोष से मुक्ति के लिए आप ‘हनुमान चालीसा’ या फिर ‘सुंदरकांड’ का पाठ भी कर सकते हैं।

ऐसा करना आपके लिए शुभ हो सकता है। इसके अलावा, इस दिन काले रंग का वस्त्र पहनने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।