इस दिन है, ‘विवाह पंचमी’,जानिए क्यों यह दिन है बेहद खास

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: मार्गशीर्ष महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ‘विवाह पंचमी’ (Vivah Panchami) का पावन पर्व मनाया जाता है। इस साल ‘विवाह पंचमी’ का शुभ एवं पावन दिन 8 दिसंबर बुधवार को है। धार्मिक मान्यातओं के अनुसार, इस दिन का बड़ा ही महत्व है। क्योंकि,इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का विवाह माता सीता से हुआ था। 

    हर साल इस दिन को भगवान राम और मां सीता की शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा, ऐसा माना जाता है कि, तुलसीदास जी के द्वारा रामचरितमानस भी इसी दिन पूरी की गई थी। इस दिन सीता-राम के मंदिरों में भव्य आयोजन भी किए जाते हैं और लोग पूजन, अनुष्ठान करते हैं। तो आइए  जानते हैं विवाह पंचमी का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि।

    शुभ मुहूर्त-

    मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष तिथि आरंभ- 07 दिसंबर 2021 को रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से

    मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष तिथि समाप्त- 08 दिसंबर 2021 को रात 09 बजकर 25 मिनट पर

    पूजा विधि –

    इस दिन ब्रह्म बेला में उठें और नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। अब आमचन कर अपने आप को शुद्ध करें। तत्पश्चात, स्वच्छ वस्त्र धारण कर सर्वप्रथम भगवान भास्कर को जल का अर्घ्य दें। फिर एक चौकी पर राम जानकी की प्रतिमा अथवा चित्र स्थापित कर फल, फूल, धूप, दीप, दूर्वा आदि से पूजा -वंदना करें। साधक रामचरितमानस या रामायण का पाठ कर सकते हैं। अंत में आरती अर्चना कर पूजा संपन्न करें।

    विवाह पंचमी का महत्व-

    सनातन हिन्दू धर्म में ‘विवाह पंचमी’ का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन मंदिर-मठों को सजाया जाता है। अयोध्या और जनकपुर में विशेष आयोजन भी किया जाता है। कई स्थलों पर सीता स्वयंवर और राम विवाह का नाट्य रूपांतरण किया जाता है।

    ऐसी मान्यता है कि विवाह-पंचमी के दिन सच्ची श्रद्धाभाव से माता सीता और भगवान श्रीराम की पूजा उपासना करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विवाहितों के सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, अविवाहितों को मनचाहा जीवनसाथी भी मिलता है।