धर्म-अध्यात्म

Published: Jul 13, 2021 08:00 AM IST

Vinayak Chaturthiआज है 'विनायक चतुर्थी', जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और शुभ योग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-सीमा कुमारी 

हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है। बुद्धि और शुभता के देव भगवान श्रीगणेश को माना गया है। ऐसे में हर शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अवश्य  की जाती है। हर महीने दो चतुर्थी आती है। एक शुक्ल पक् और दूसरी कृष्ण में है। धर्मग्रन्थों के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी ( Vinayaka Chaturthi ) कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस साल आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 13 जुलाई  यानी मंगलवार को है। मान्यता है कि इस दिन विघ्नहर्ता की पूजा और व्रत रखने से भक्तों को संकटों से मुक्ति मिलती है और भगवान गणेश भक्त की सभी मनोकामना पूरी करते हैं। इस दिन दो शुभ योग -रवि और सिद्धि योग बने रहे है। इस शुभ योग में भगवान गणेश की पूजा करना बहुत ही फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यता अनुसार विघ्नहर्ता गणेश जी अपने भक्तों के सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरा करते हैं और मनोकामनाओं को भी पूर्ण करते हैं। आइए जानें आषाढ़ महीने का विनायक चतुर्थी का शुभ मुहर्त व्रत विधि…  

शुभ मुहूर्त 2021 (Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat)  

पंचांग के अनुसार, 13 जुलाई की सुबह 08 बजकर 24 मिनट तक तृतीया तिथि और उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। इस दिन दोपहर 02 बजकर 49 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। माना जाता है कि सिद्धि योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है।

पूजा- विधि

मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि निवृत्त हो जाएं और हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का  संकल्प करें। पूजा स्थान को अच्छी तरह साफ करें, गंगाजल छिड़कें और चाहे तो घर के मंदिर में ही पूजन आरंभ करें या फिर घी का दीपक प्रज्वलित करें। दीपक प्रज्वलित करने के बाद सिंदूर से भगवान गणेश का तिलक करें .और उन्हें दूर्वा, फल, फूल और मिष्ठान में  लड्डू या मोदक का भोग लगाएं। पूजा के बाद गणेश जी की आरती करें और पूजा संपन्न होने के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें।  इस पावन दिन भगवान गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करें। अगर आप व्रत रख सकते हैं तो इस दिन व्रत को अवश्य रखें।

बन रहे हैं दो शुभ  योग

विनायक चतुर्थी के दिन दो योग बन रहे हैं। इस दिन रवि योग प्रात: 05 बजकर 32 मिनट से अगले दिन 14 जुलाई को प्रात: 03 बजकर 41 मिनट तक है, वहीं सिद्धि योग दोपहर 02 बजकर 49 मिनट तक है। ऐसे में विनायक चतुर्थी का व्रत रवि योग और सिद्धि योग में होगा।