धर्म-अध्यात्म

Published: Aug 17, 2022 12:23 PM IST

Hal Shashthi 2022आज है 'हल षष्ठी', जानिए हमारे देश में इस विशेष तिथि का महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजन-विधि

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(Image- Social Media)

सीमा कुमारी

नई दिल्ली: 17 अगस्त, बुधवार ‘हल षष्ठी’ (Hal Shashthi) का पावन व्रत है। यह व्रत हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, हल षष्ठी का व्रत महिलाएं अपने संतान की लंबी आयु के लिए रखती है।

पौराणिक मान्यता है कि, इस दिन श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। मान्यता यह भी है कि इस व्रत को विधि-विधान से करने पर संतान के जुड़ी समस्त समस्याएं दूर हो जाती है। आइए जानें हल षष्ठी का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और इसकी महिमा-

शुभ मुहूर्त

कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि आरंभ: 16 अगस्त, मंगलवार रात्रि 08: 19 से

कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि समाप्त: 17 अगस्त, बुधवार, रात्रि 09: 21 मिनट

उदयातिथि के आधार पर हल षष्ठी 18 अगस्त को मनाई जाएगी।

पूजन विधि

महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हल छठ या हल षष्ठी का व्रत संतान की लंबी आयु और सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है और हल की पूजा के साथ बलराम की पूजा करती हैं। भगवान बलराम की कृपा से घर में सुख रहता है।