धर्म-अध्यात्म

Published: Jun 14, 2023 03:55 PM IST

Ashadha pradosh vratआज है आषाढ़ का पहला 'प्रदोष', 'इस' विशेष मुहूर्त में करें शिवजी की पूजा, मिलेगी शत्रुओं पर विजय और मिलेगा श्री नारायण का आशीष भी

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: देवों के देव महादेव और आदिशक्ति मां पार्वती की उपासना का पर्व ‘प्रदोष व्रत’ (Ashadha pradosh vrat) इस बार 15 जून गुरुवार को रखा जाएगा। इसलिए यह ‘गुरू प्रदोष’ व्रत है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, इस व्रत को करने वाले को अपने दुश्मनों पर विजय प्राप्त होती है। इस दिन शिव पूजा के साथ विष्णु पूजा का भी योग है, क्योंकि बृहस्पतिवार दिन श्रीहरि के व्रत और भक्ति का दिन है।आइए जानें आषाढ़ का पहला प्रदोष व्रत कब है और भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त भी-

तिथि  

कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत, गुरू प्रदोष व्रत, गुरुवार, 15 जून 2023

शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत प्रारंभ:

15 जून 2023 को प्रातः 8:32 बजे

प्रदोष व्रत समाप्ति:

16 जून 2023 को सुबह 8:40 बजे

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15 जून को ‘गुरू प्रदोष व्रत’ की पूजा का शुभ मुहूर्त 2 घंटे का है। आप शिव पूजा शाम 7 बजकर 20 मिनट से रात 9 बजकर 21 मिनट के बीच कर सकते हैं। इस दिन पूजा के समय अमृत-सर्वोत्तम शाम 7 बजकर 20 मिनट से रात 8 बजकर 36 मिनट तक है।

जिन लोगों को सुबह में शिव पूजा करनी है, वे लोग सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 10 बजकर 36 मिनट के बीच कभी भी कर सकते हैं। इसमें भी लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 7 बजकर 7 मिनट से सुबह 8 बजकर 52 मिनट तक हैं। अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 8 बजकर 52 मिनट से सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक है।

‘सुकर्मा योग’ में प्रदोष व्रत

आषाढ़ के पहले प्रदोष व्रत के दिन ‘सुकर्मा योग’ बना है। सुकर्मा योग 15 जून की सुबह से लेकर देर रात 2 बजकर 3 मिनट तक है। यह पूजा पाठ और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ योग है।