आज है ‘योगिनी एकादशी’, इस तिथि को इस मुहूर्त में करें श्रीहरि की पूजा

Loading

सीमा कुमारी

नई दिल्ली: योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) का व्रत इस बार आज यानी 14 जून, बुधवार को है। हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु के निमित्त व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत-उपवास करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इससे साधक पर विष्णुजी की कृपा बरसती है।

उनकी कृपा से व्यक्ति द्वारा अनजाने में किए हुए सारे पापों का नाश होता है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। सनातन शास्त्रों में निहित है कि योगिनी एकादशी व्रत करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के समतुल्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली आती है। आइए जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसकी महिमा-

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 13 जून को सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और 14 जून सुबह 8 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 14 दिन को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। साधक प्रातः काल में स्नान-ध्यान करने के पश्चात व्रत संकल्प लेकर विधि विधान से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा उपासना करें।

पूजा विधि

योगिनी एकादशी का व्रत पुण्य फलदायी होता है। इस व्रत के नियम एक दिन पहले शुरू हो जाते है। दशमी तिथि की रात में ही व्यक्ति को जौं, गेहूं और मूंग की दाल से बना भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। व्रत वाले दिन नमक युक्त भोजन नहीं करना चाहिए। एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है।   इसके बाद कलश स्थापना करे और इसके ऊपर भगवान विष्णु की प्रतिमा रख कर पूजा करें। व्रत की रात्रि में जागरण करना चाहिए।  

महिमा

योगिनी एकादशी का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। इस व्रत को करने से जीवन में समृद्धि और आनन्द की प्राप्ति होती है। यह व्रत तीनों लोकों में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने से 88 हज़ार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति पृथ्वी पर समस्त भोग प्राप्त करता है और परलोक में उसे मुक्ति मिलती है।