धर्म-अध्यात्म

Published: Dec 22, 2022 06:15 PM IST

Paush Amavasya 2022आज है इस साल की अंतिम अमावस्या, पितृदोष और काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए इस मुहूर्त में करें पूजा

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-सीमा कुमारी

इस साल की अंतिम अमावस्या यानी ‘पौष अमावस्या’ (Paush Amavasya) 23 दिसंबर, शुक्रवार को हैं। इस अमावस्या को दर्श अमावस्या भी कहा जाता हैं। धार्मिक रूप से इस अमावस्या के दिन स्नान-दान का बड़ा ही महत्व है।

मान्यता है कि, इस दिन किसी तीर्थ स्थान पर जाकर स्नान-दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण भी किया जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन का बहुत महत्व है, क्योंकि इस तिथि पर कई शुभ कार्य किए जाते हैं। पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए व्रत  रखा जाता है। पौष मास में इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है। आइए जानें पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि।

शुभ मुहूर्त

पौष अमावस्या तिथि आरंभ:

22 दिसंबर 2022, गुरुवार, सायं 7:13 बजे से

पौष अमावस्या तिथि समाप्त:

23 दिसम्बर 2022, शुक्रवार, दोपहर 3:46 बजे तक

पौष अमावस्या तिथि:

उदया तिथि के कारण 23 दिसम्बर 2022, शुक्रवार को ही अमावस्या मानी जाएगी

पूजा विधि  

महत्व  

शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या तिथि के दिन पूजा पाठ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी अमावस्या तिथियों में से पौष अमावस्या को सबसे फलदायी बताया गया है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति हेतु उपवास रखने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। इसके साथ इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से कई प्रकार के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।