धर्म-अध्यात्म

Published: Apr 09, 2021 02:14 PM IST

Chaitra Navratri 2021कब है 'चैत्र नवरात्रि'? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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सनातन हिन्दू धर्म में होली के बाद कई महत्वपूर्ण त्यौहार आते हैं। जैसे- चैत्र नवरात्रि, राम नवमी, शीतला अष्टमी, पापमोचिनी एकादशी आदि। इन सभी त्यौहारों का अपना विशेष महत्व है। ‘चैत्र नवरात्रि’ हिंदू धर्मावलंबियों का एक मुख्य त्यौहार है, आप इसे महापर्व भी कह सकते हैं। यह त्यौहार हर साल मनाया जाता है।  

इस साल ‘चैत्र नवरात्रि’ यानी ‘चैती दुर्गा मैया’ की पूजा 13 अप्रैल से शुरू हो रही है और 22 अप्रैल को इसका समापन होगा। पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की नौ दिनों तक पूजा-अर्चना की जाती है। मां दुर्गा की असीम कृपा पाने के लिए भक्तगण नौ दिन का व्रत भी रखते हैं। ‘चैत्र नवरात्रि’ (Chaitra Navratri) में मां दुर्गा की पूजा के लिए ‘कलश स्थापना’ भी की जाती है। आइए जानें ‘चैत्र नवरात्रि’ का शुभ मुहूर्त, पूजन साम्रगी और घटस्थापना (कलश स्थापना) विधि…

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त-

शुभ मुहूर्त- 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक

शुभ मुहूर्त की अवधि- 04 घंटे 15 मिनट

‘घटस्थापना’ पूजन विधि-

महत्व-

सनातन हिन्दू धर्म में ‘चैत्र नवरात्रि’ (Chaitra Navratri) का  विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए सदहृदय और निर्मल मन से नवरात्रि में माता के नौ रूपों की आराधना की जाती है। माता की पूजा अर्चना हेतु व्रत रखा जाता है। धार्मिक पहलू के अलावा देखें, तो नवरात्रि का यह पावन पर्व नारीशक्ति का ही प्रतीक है। ‘चैत्र नवरात्रि’ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ हो जाती है। इस दिन से ‘हिन्दू नव वर्ष’ (Hindu New Year) भी प्रारंभ होता है। शास्त्रों के अनुसार, इसी तिथि  सृष्टि का निर्माण हुआ था। यही नहीं, एक और बड़ी महत्वपूर्ण बात है। त्रेतायुग में इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। उन्होंने समस्त संसार को मर्यादा का पालन करते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन कैसे करना है इसकी सीख दी थी।

-सीमा कुमारी