धर्म-अध्यात्म

Published: Jul 25, 2021 08:15 AM IST

Sawan 2021सावन में महिलाएं क्यों पहनती हैं हरी चूड़ियां? दिलचस्प है कारण

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-सीमा कुमारी

हिंदू धर्म में सावन महीने (Sawan Month) को बहुत ही शुभ माना जाता है। सावन महीने को हरियाली का महीना भी कहा जाता है। क्योंकि इस महीने चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती है। ऐसे में शिव भक्त हरे रंग के कपड़े पहनकर उनकी पूजा करना शुभ मानते हैं। इसके अलावा, महिलाएं सावन में हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं। सावन का महीना आते ही चूड़ियों की बिक्री बढ़ जाती है। खासतौर पर हरे रंग की चूड़ियों की मांग सबसे ज्यादा रहती है। यही वजह है कि चूड़ी बेचने वाले इन दिनों हरी चूड़ियों की कीमत बढ़ा देते हैं। लेकिन महिलाओं को इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्हें तो सिर्फ हरी चूड़ियों से मतलब होता है। क्या आपने सोचा है कि इसका कारण क्या है? 

सावन का महीना प्रकृति के सौन्दर्य का महीना होता है। शास्त्रों में महिलाओं को भी प्रकृति का रूप माना गया है। इस मौसम में बारसात की बूंदों प्रकृति खिल उठती है हर तरफ हरियाली छा जाती है। ऐसे में प्रकृति से एकाकार होने के लिए महिलाएं भी मेंहदी लगाती हैं। हरे वस्त्र और हरी चूड़ियां पहनती हैं।सावन के महीने में सुहागन स्त्रियों के लिए कई त्योहार आते हैं, जिनमें ‘कज्जली तीज’, ‘हरियाली तीज’ शामिल हैं। इन त्योहारों में हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां और मेंहदी लगाने के नियम हैं। इसका कारण यह है कि सावन के महीने में हरे रंग का वस्त्र धारण करने से सौभाग्य में वृद्घि होती है और पति-पत्नी के बीच स्नेह बढ़ता है।

सावन महीने में श्रृंगार करते समय महिलाएं रखें इन बातों का विशेष ध्यान –

महिलाएं भूलकर भी सावन में काले रंग के वस्त्र ना पहनें, खासकर सोमवार के दिन। हो सके तो इस दौरान लाल व हरे रंग के कपड़े पहने क्योंकि इसे शुभ माना जाता है।

महिलाओं को सावन महीने में चटक लाल रंग का सिंदूर भरना चाहिए। मान्यता है कि इससे पति की उम्र लंबी होती है और भोलेनाथ भी प्रसन्न रहते हैं।

सावन के महीने में श्रृंगार करते वक्त लाल या हरी रंग की बिंदी लगाना शुभ माना जाता है लेकिन इस दौरान काली बिंदी बिल्कुल ना लगाएं।

वैज्ञानिकों की मानें तो बरसाती मौसम में इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण कई बीमारियों का खतरा रहता है। लेकिन, मेंहदी शरीर की गर्मी दूर करने और तनाव को दूर करती है। इससे इम्यूनिटी कुछ हद तक बढ़ती है, जिससे बीमारियां दूर रहती हैं।